राज्य में पिछले साल हुए गंभीर अपराध में पटना जिला टाप पर रहा है, जबकि शिवहर सबसे कम निचले पायदान पर है. पटना के अलावा मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, गया और सारण अधिक अपराध वाले जिले हैं. राज्य में अापराधिक मामलों को लेकर मंगलवार को क्राइम इन बिहार-2019 का डीजीपी एसके सिंघल ने क्राइम इ-पब्लिकेशन जारी किया. राज्य अपराध ब्यूरो की ओर से तैयार की गयी क्राइम इन बिहार-2019 में राज्य में हुए आपराधिक घटनाओं व पुलिस कार्रवाई को लेकर एक रिकॉर्ड है.
रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2019 के दौरान सभी तरह के गंभीर क्राइम के मामलों को लेकर पटना जिला टॉप पर रहा है. यहां एक वर्ष में 24,008 मामले दर्ज किये गये हैं, जबकि संज्ञेय अपराध के मामले में शिवहर जिला सबसे नीचे है. यहां एक साल में संज्ञेय अपराध को लेकर सिर्फ 820 मामले दर्ज किये गये हैं. पटना के अलावा मुजफ्फरपुर में 11,328, पूर्वी चंपारण में 10443, सारण में 9912 और गया में 8284 गंभीर अपराध के मामले दर्ज किये गये हैं. वहीं गंभीर अपराधों की कम संख्या के मामलों में शिवहर के अलावा नवगछिया (पुलिस जिला) में 1673, लखीसराय में 1896, किशनगंज में 1865, जहानाबाद में 2567, कैमूर में 2570 और जमुई में 2893 मामले दर्ज किये गये हैं.
अापराधिक रिकॉर्ड के मुताबिक वर्ष 2019 में बीते दो वर्षों के मुकाबले चोरी व रेप के मामले बढ़े हैं, लेकिन वर्ष 2015 और 2016 से तुलना की जाये तो इन दोनों मामलों में कमी आयी है. पूरे राज्य में वर्ष 2019 के दौरान हत्या के 3138 मामले दर्ज किये गये थे. वहीं रेप के 730 और चोरी के 34971 मामले दर्ज किये गये थे. सबसे बड़ी बात है कि राज्य में वेश्यावृति के लिए खरीद-बिक्री का मामला शून्य रहा है. इसके अलावा पीछे चार वर्षों की तुलना में दुश्मनी के लिए अपहरण के मामलों में वृद्धि हुई है. वर्ष 2019 के दौरान अपहरण के 10,707 मामले दर्ज दिये गये हैं.
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काइम रिकॉर्ड 2019 के रिपोर्ट के अनुसार सभी बड़े आपराधिक घटनाओं को लेकर प्रति एक लाख व्यक्ति के अनुसार औसत अपराध का ब्योरा भी जारी किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार राज्य में प्रति एक लाख व्यक्ति पर 2.9 यानी लगभग तीन लोगों की हत्याएं होती हैं. हत्या के मामले सीवान, मुजफ्फरपुर, वैशाली, पटना, मधेपुरा, बेगूसराय, पूर्णिया, नालंदा, लखीसराय, जमुई, गया, खगड़िया और शेखपुरा में अन्य जिलों के मुताबिक अधिक हैं. वहीं, राज्य में दहेज हत्या का मामला भी काफी कम है. राज्य में प्रति एक लाख व्यक्ति में सिर्फ एक महिलाओं के साथ ऐसा होता है. इसको लेकर पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, पटना, सीवान आदि 15 जिलों को चिह्नित किया गया है. वहीं, प्रति एक लाख व्यक्ति पर शून्य व्यक्ति एसिड अटैक का शिकार होता है. पूर्वी चंपारण, कैमूर, मधुबनी, खगड़िया, कटिहार व मुंगेर जिलों में एसिड अटैक के मामले अधिक रहे हैं.
राज्य में प्रति एक लाख व्यक्ति पर सिर्फ 0.7 यानी एक से कम रेप की घटनाएं होती हैं. मगर, अन्य जिलों की तुलना में सीमांचल के जिलों मसलन किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, सुपौल के अलावा भागलपुर, खगड़िया, दरभंगा, पटना, अरवल, जहानाबाद, शेखपुरा आदि जिलों में रेप की अधिक घटनाएं दर्ज की गयी हैं.
किसी अन्य घटना के मुकाबले राज्य में सबसे अधिक चारी की घटनाएं होती है. रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार प्रति एक लाख व्यक्ति पर 32.5 घटनाओं का औसत है, जबकि एक साल में चोरी की कुल 34,971 घटनाएं हुई हैं. फिरौती के लिए अपहरण के मामले भी कम हैं. इसका प्रति एक लाख व्यक्ति पर फिरौती के लिए अपहरण की घटना शून्य रही है.
Posted by: Thakur Shaktilochan