विश्व में इंटरनेट और डिजिटल तकनीक का तेज गति से विस्तार हो रहा है. इसी के साथ साइबर अपराध के संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है. बिहार में भी मोबाइल, लैपटॉप जैसे उपकरणों के बढ़ते इस्तेमाल के साथ ही साइबर अपराध में भी तेजी आ गई है. कुछ वक्त से राज्य में साइबर ठगी और अनलाइन फ्रॉड के कई मामले देखने को मिले हैं. राज्य में इसके चंगुल में नेता से अधिकारी तक आ चुके हैं. इसके साथ ही अब बिहार पुलिस पर भी साइबर अटैक का खतरा मंडरा रहा है.
साइबर अटैक से बचने के लिए बिहार पुलिस को अलर्ट जारी करने के बाद अपराध अनुसंधान विभाग ने सभी जिला पुलिस और इकाइयों के लिए दिशानिर्देश जारी किया है. जिसमें बताया गया है की साइबर सुरक्षा के लिए क्या करना चाहिए और क्या नहीं. साथ ही इसमें साइबर सुरक्षा के लिए कई टिप्स दिए गए हैं.
जारी दिशानिर्देश में पुलिस से एनआईसी की सलाह का पालन करने के लिए कहा गया है. साथ ही विभागीय तंत्र को भी मजबूत करने की सलाह दी गई है. दिशानिर्देश में बताया गया है की साइबर अपराध से बचने के लिए पासवर्ड को कैसा और कितना मजबूत रखना चाहिए. कोई भी पासवॉर्ड कम से कम आठ अंकों का होना चाहिए साथ ही इसमें अंग्रेजी के बड़े छोटे अक्षरों के साथ स्पेशल कैरेक्टर और नंबर भी शामिल होने चाहिए. पासवर्ड को हर 45 दिनों में बदल दें. टू फैक्टर ऑथिंटेकिशन का इस्तेमाल करें. इस तरह डेटा और फाइल को सुरक्षित रख सकते हैं.
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बिहार के सभी पुलिस और जिला इकाइयों से कहा गया है की किसी भी एप या सॉफ्टवेयर को डाउनलोड करने से पहले उसकी एक बार जांच जरूर करें. कम लोकप्रियता वाली और अनजान ऐप्स को डाउनलोड करने से बचें. साथ ही किसी भी एप को डाउनलोड करने से पहले उसका रिव्यू पढ़ ले. जिस भी एप का रिव्यू प्ले स्टोर पर खराब हो उसे डाउनलोड न करें. किसी भी एप को गूगल और एपल के आधिकारिक स्टोर से ही डाउनलोड करें.