बिहार पुलिस अब राज्य में अवैध शराब के कारोबारी एवं अन्य अपराधों में शामिल अपराधियों को पकड़ने के लिए जल्द ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक का इस्तेमाल करने वाली है. पुलिस द्वारा दी गई जानकारी में कहा गया है की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तंत्र सभी कार्यों को डिजिटल और स्वचालित करेगा, पुलिस बल को अब डेटा को मैन्युअल रूप बनाने की कोई जरूरत नहीं होगी.
यह भी बताया गया की एक बार इस व्यवस्था के शुरू हो जाने के बाद, यह राज्य में अवैध शराब व्यापार में शामिल गिरोहों या अपराधियों को पकड़ने में पुलिसकर्मियों के लिए सहायक होगा. रीयल-टाइम एनालिटिक्स और स्वचालित प्रक्रियाओं के साथ उनके संचालन के क्षेत्र की पहचान करने में भी आसानी होगी. बिहार राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एससीआरबी) के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) कमल किशोर सिंह ने कहा की कानून प्रवर्तन एजेंसियां पहले से ही देश भर में कई तरीकों से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की क्षमता का खुलासा कर रही हैं.
बिहार में अप्रैल 2016 में लागू हुआ शराब निषेध कानून ने राज्य में किसी प्रकार के शराब के निर्माण, बिक्री एवं खपत पर प्रतिबंध लगा दिया है. कमल किशोर सिंह ने कहा कि बिहार पुलिस बल के भीतर एक समर्पित सूचना प्रौद्योगिकी (IT) कैडर के निर्माण के लिए आवश्यक उपाय करने की योजना अभी बनाई जा रही है. और इससे संबंधित प्रशताव हाल ही में गृह विभाग के पास भेजा गया है.
एडीजी कमल किशोर सिंह ने यह भी कहा की प्रस्तावित कैडर में आईटी इंस्पेक्टर और आईटी कांस्टेबल सहित लगभग 2,000 अधिकारी और कर्मी होंगे. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सिस्टम के सभी कार्यों को आईटी कैडर के अधिकारी ही संभालेंगे. उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उपकरण एक बार सिस्टम में शामिल हो जाने से पुलिस बल की कुशलता में बढ़ोतरी होगी.
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अपराध से निपटने और प्रबंधन के दृष्टिकोण से यह एआई उपकरण खोज पूर्ण विश्लेषण में पुलिसकर्मी की काफी मदद करेगा. इसके जरिए आपराधिक रिकॉर्ड सहित सभी दस्तावेजों को स्कैन और डिजीटल किया जाएगा, जो जमीन पर बल के लिए मददगार होगा. साथ ही भविष्य में किसी विशेष क्षेत्र में होने वाले संभावित घटनाओं एवं अपराधियों के बारे में अनुमान लगाने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कई उपकरणों से पुलिस को काम करने में मदद मिलेगी.