बिहार इन दिनों भीषण गर्मी की चपेट में हैं. तापमान में लगातार वृद्धि के कारण हीटवेव की स्थिति पैदा हो गई है. इन सबके बीच एक ऐसी खबर सामने आई है, जिससे आमलोगों की परेशानियां बढ़ सकती हैं. दरअसल सेंट्रल सेक्टर ने बिहार को दी जा रही बिजली में 1000 मेगवाट से अधिक की कटौती कर दी है. जिससे बिहार में बिजली संकट आ सकती है और पावर कट की समस्या बढ़ सकती है.
बात दें की ऐसा तब हो रहा है जब बिहार पॉवर में सरप्लस स्टेट हो चुका है. राज्य में बिजली की कमी के कारण डिमांड पूरी नहीं हो पा रही है. स्तिथि ऐसी बन चुकी है की राज्य में रोटेशन में बिजली दी जा रही है. शाम में 6 बजे से रात 12 बजे तक लोड शेडिंग करनी पड़ रही है. बिजली संकट की स्तिथि ग्रामीण इलाकों में ज्यादा गंभीर है, शाम होते ही कई इलाके अंधरे में डूब जाते है. वहीं शहरी इलाकों में प्राथमिकता के तौर पर बिजली उपलब्ध कराई जा रही है.
बिहार में फिलहाल 6200 से 6400 मेगावाट बिजली की जरूरत है. दूसरी तरफ, मांग के मुकाबले 1000 मेगावाट बिजली की कम आपूर्ति की जा रही है. बिहार को फिलहाल 5400 मेगावाट बिजली ही उपलव्ध हो पा रही है. दरअसल, बिहार सरकार और NTPC के बीच 5200 मेगावाट बिजली उपलब्ध कराने का करार है, लेकिन बिजली उत्पादक कंपनी की ओर से फिलहाल 4200 मेगावाट बिजली की ही आपूर्ति की जा रही है.
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वहीं सौर ऊर्जा से 300 मेगवाट और पवन ऊर्जा से 250 मेगवाट बिजली मिल रही है. हालत यह है की बिहार को बाजार से 12 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीद कर आपूर्ति करनी पड़ रही है. यदि यही स्थिति बरकरार रही तो आने वाले समय में प्रदेश में बिजली आपूर्ति की समस्या गहरा सकती है. आनेवाले दिनों में बिजली की मांग और भी बढ़ने की संभावना जताई जा रही है.