पटना. राजेंद्र नगर स्टेशन के पोल संख्या 539/17 के पास ट्रेन से कटने से दो छात्रों की मौत हो गयी है. गुरुवार की सुबह एमटीएस की परीक्षा देकर नालंदा लौट रहे थे. दोनों बीए के छात्र थे और आपस में दोस्त थे. मिली जानकारी के अनुसार बिहारशरीफ में अलग-अलग रहकर पढ़ाई करते थे. मृतकों में अजीत कुमार (21) पुत्र चंद्रदीप थाना सलई जमुई व सुमन कुमार (25) पुत्र संजय गौरव भलुआ थाना हरिहरी शेखपुरा का रहनेवाला था. ट्रेन की चपेट में आने से अजीत का दायां व सुमन का बायां पैर कट गया था. सिर व शरीर में भी गहरे जख्म थे.
दोनों का शव डाउनलाइन पर पड़ा था. दोनों के कब्जे से जीआरपी ने एक मोबाइल बरामद किया है. इयरफोन भी दोनों शवों पास पड़ा था. जेब से मिले परीक्षा के एडमिड कार्ड से दोनों की पहचान हुई. मौत इयरफोन लगाकर पटरी पार करते हुई या फिर असावधानी के कारण ट्रेन से गिरने से दोनों की जान गयी इसके बारे में अभी पता नहीं चल सका है. राजेंद्रनगर जीआरपी थाना प्रभारी विनोद कुमार का कहना है कि दोनों की मौत किन परिस्थितियों में हुई, अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है. मामले की जांच की जा रही है. दोनों छात्रों के शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है.
बताया गया है कि अजीत नालंदा कॉलेज व सुमन कुमार बिहारशरीफ के एक कॉलेज से बीए की पढ़ाई कर रहा था. दोनों अलग-अलग किराए के कमरे में रहते थे. 20 जुलाई को अजीत पटना में एमटीएस की परीक्षा देने आ रहा था. जिद करने के बाद सुमन भी उसके साथ पटना चला आया. परीक्षा देने के बाद दोनों संदलपुर में रह रहे अपने दोस्त के कमरे पर रुक गए. गुरुवार की सुबह दोनों ट्रेन पकड़ने की बात कहकर संदलपुर से राजेंद्र नगर रेलवे स्टेशन जा रहे थे. राजेंद्रनगर स्टेशन के पास मौजूद पोल संख्या 539/17 के निकट दोनों ट्रेन की चपेट में आ गए, जिससे दोनों की मौत हो गयी.
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मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार को ही अजीत का बर्थ-डे था. बर्थ-डे का पोस्ट उसने फेसबुक पर पोस्ट किया था. पोस्ट देख कर उसके दोस्त उसे शुभकामनाएं व बधाई का मैसेज भेज रहे थे. लेकिन इसी दौरान जब मौत की सूचना आयी तो शुभकामना संदेश शोक संदेश में बदल गया. एक दोस्त ने अजीत की तस्वीर लगा शोक प्रकट करते हुए लिखा कि कहां तुम चले गये… नालंदा में उसने बर्थ-डे पार्टी मनाने की तैयारी की थी लेकिन केक काटने से पहले ही मौत ने उसे अपने पास खींच लिया. बताया गया है कि सुमन कुमार मां-बाप का इकलौता बेटा था. उसके पिता संजय गौरव किसान हैं. ट्रेन से कटने पर मौत होने से पल भर में उसके घर का चिराग बुझ गया. वहीं, अजीत कुमार दो भाइयों में सबसे छोटा था. उसे दो बहनें भी हैं. उसके पिता चंद्रदीप भी खेती-किसानी करते हैं.
जानबूझ कर लापरवाही करने वाले को अब कौन समझाये. जी हां ये हाल है आर-ब्लॉक रेलवे लाइन का है, जहां पर जल्दबाजी में छात्र-छात्राओं समेत अन्य लोग रुकी हुई ट्रेन के नीचे से पटरी पार करते हैं. लोगों की यह लापरवाही एक दिन भारी पड़ सकती है और साथ ही साथ एक हंसता खेलता परिवार उजाड़ देगी. गुरुवार की सुबह दो छात्रों की ट्रेन से कटकर मौत के बाद जब आर-ब्लॉक रेलवे लाइन पहुंची तो देखा कि स्कूल, कॉलेज के छात्र-छात्राओं के साथ अन्य लोग भी जान हथेली पर लेकर ट्रेन के नीचे से ट्रैक पार कर रहे थे.