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बिहार में अब हाईटेक तरीके से होगी सड़कों की निगरानी, स्मार्टफोन की मदद से कमांड सेंटर रखेगा नजर

पथ निर्माण विभाग ने राज्य भर में सड़कों के रखरखाव की निगरानी के लिए अब एक मोबाइल एप्लिकेशन का सहारा लेगी. इसके लिए अभियंताओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. एप के जरिए इंजीनियरों की निगरानी भी की जाएगी. साथ ही सड़क पर पेड़ बढ़ने, व्हाइट लाइन मिटने तक की स्थिति भी देखी जाएगी.

बिहार में सड़कों का रखरखाव अब पहले से आसान हो गया है. पथ निर्माण विभाग के द्वारा सड़कों के रखरखाव और मॉनिटरिंग के लिए एक कमांड सेंटर बनाया है. जहां से बिहार की सभी सड़कों पर नजर रखी जाएगी. इस कमांड सेंटर के उद्घाटन के मौके पर पथ निर्माण विभाग के मंत्री नितिन नवीन ने कहा की अब राज्य के 13 हजार किलोमीटर सड़कों की निगरानी तकनीकी माध्यम से की जाएगी. अब सड़क की स्थिति का अनलाइन जायजा लेकर उसी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.

मोबाइल एप्लिकेशन के सहारे होगी निगरानी 

पथ निर्माण विभाग ने राज्य भर में सड़कों के रखरखाव की वास्तविक समय पर निगरानी के लिए एक मोबाइल एप्लिकेशन का सहारा लेगी. इसके लिए अभियंताओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. एप के जरिए इंजीनियरों की निगरानी के साथ साथ सड़क पर पेड़ बढ़ने, व्हाइट लाइन मिटने तक की स्थिति भी देखी जाएगी. इसकी मुख्यालय स्तर पर मॉनिटरिंग कर सभी शिकायतों को दूर किया जाएगा.

3 दिन से 1 महीने के बीच होगा समाधान 

इस कंट्रोल सेंटर के निर्माण के बाद सड़कों की मरम्मत एवं अन्य समस्याओं का समाधान 3 दिन से 1 महीने के बीच हो जाएगा. पथ निर्माण विभाग द्वारा बेहतर सड़क व्यवस्था के लिए रोड मेंटेनेंस एप्लीकेशन प्रारंभ किया गया है. यह यह एप्लीकेशन एंड्राइड तथा आईओएस सहित सभी स्मार्टफोन पर काम करेगा.

सड़क के प्रभावित हिस्से की तस्वीरें होगी अपलोड 

इस एप्लीकेशन द्वारा सभी पदाधिकारी सड़कों के रखरखाव और उसके पूरा होने के दौरान सड़क के प्रभावित हिस्से की तस्वीरें और वीडियो को एप पर अपलोड करेंगे. अपलोड होते ही सड़क से जुड़ी सभी समस्याएं पथ निर्माण विभाग मुख्यालय विश्वेश्वरैया भवन स्थित नवनिर्मित कंट्रोल एंड कमांड सेंटर तक पहुंच जाएगी.

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रियल टाइम फोटोग्राफ किया जाएगा अपलोड 

इस नए एप के माध्यम से सड़कों में कमी को सुधारने के बाद रोड मैनेजर या इंजीनियर रियल टाइम फोटोग्राफ भी अपलोड करेंगे. इस कार्य के लिए सभी क्षेत्रीय पदाधिकारियों एवं ठेकेदारों को यूनिक आईडी दिया जाएगा. इस नई व्यवस्था के लिए सभी पथ प्रमंडलों के अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है. इस व्यवस्था के तहत पहले फेज में करीब 13064 किलोमीटर लंबाई में कुल 43 पथ प्रमंडल के तहत सभी 72 पैकेजों के पथों में यह व्यवस्था लागू की जाएगी.

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