राज्य में 15 अक्तूबर से नदियों से बालू खनन शुरू होने के पहले अवैध खनन गतिविधियों पर लगाम की तैयारी के निर्देश दिये गये हैं. पहले यह खनन एक अक्तूबर से शुरू होना था, लेकिन मॉनसून की अवधि को देखते हुए एनजीटी ने एक की जगह 15 अक्तूबर से खनन का निर्देश दिया है. इसके तहत पटना, सारण, सीवान, भोजपुर, औरंगाबाद, शिवहर, कटिहार और मधेपुरा में नये चेकपोस्ट और आउटपोस्ट बनाये जा रहे हैं.
साथ ही बंदोबस्तधारियों को बालू ढुलाई के लिए उपयोग वाले वाहनों का पंजीकरण विभागीय पोर्टल पर कराना होगा. इसके बगैर चालान नहीं बनेगा. साथ ही बालू लदे वाहनों की वजन के लिए वे-ब्रिज और बालू घाटों पर सीसीटीवी कैमरा लगाना होगा. इसका मकसद सरकार की राजस्व में बढ़ोतरी सहित आम लोगों को उचित कीमत पर बालू उपलब्ध करवाना है.
सूत्रों के अनुसार खान एवं भूतत्व विभाग की तरफ से सभी बंदोबस्तधारियों को इन सभी के संबंध में संदेश भेजा जा चुका है. खासकर यह सुनिश्चित करने की तैयारी की जा रही है कि निर्धारित मात्रा से अधिक बालू का खनन या ढुलाई नहीं हो. ऐसी हरेक गतिविधि की जानकारी विभाग के पास रहे. विभाग के मुख्यालय स्थित नियंत्रण कक्ष से इसकी मॉनीटरिंग की व्यवस्था की जा रही है. फिलहाल खान एवं भूतत्व विभाग के पास बालू का पर्याप्त स्टॉक है. राज्य में 523 नये घाटों में में 268 की बंदोबस्ती हो चुकी है. शेष के लिए प्रक्रिया जारी है.
सूत्रों का कहना है कि पटना जिला और बिहटा के इलाके में लगातार बालू के अवैध खनन और ढुलाई के मामले सामने आ रहे थे. ऐसे में इस पर अंकुश के लिए कम से चार से पांच चेक पोस्ट बिहटा में बनाये जायेंगे. साथ ही पटना से बाहर जाने वाले बालू लदे वाहनों पर भी नजर रखने की तैयारी की जा रही है. इसकी निगरानी के लिए संवेदनशील चेकपोस्ट और आउटपोस्ट पर खान निरीक्षकों की तैनाती की जायेगी.
बालू लदे वाहनों को बिना चालान और ओवरलोडिंग सहित पकड़े जाने पर 25 प्रतिशत दंड लगेगा. साथ ही एक महीने के अंदर वाहन की नीलामी भी होगी. ऐसे वाहनों को पकड़े जाने वाली जगहों के पदस्थापित खनन पदाधिकारियों को कारण बताओ नोटिस दिये बिना ही निलंबित किया जायेगा. स्थानीय थाना और पुलिस पदाधिकारी की संलिप्तता होने पर उन पर कार्रवाई के लिए खान एवं भूतत्व विभाग बिहार के डीजीपी को पत्र लिखेगा.