20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जीतन राम मांझी ने बिहार में शराबबंदी के तरीके पर उठाया सवाल, कहा-परिणाम बेहतर नहीं, कानून की हो समीक्षा

बिहार में शराबबंदी कानून लागू किये जाने के बाद भी सरकार की समस्या समाप्त नहीं हुई है. एक तरफ सरकार जहां कड़ाई से इस कानून को पालन कराने के लिए प्रयासरत है वहीं आये दिन सूबे के कई जगहों से अवैध तरीके से शराब के बनने व सेवन करने की खबर सामने रहती है. कई मामलों में पुलिसकर्मियों की मिलीभगत भी सामने आयी है. वहीं हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के मुखिया व बिहार के भूतपूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी शराबबंदी के तरीके में कुछ बदलाव करने की पैरवी कर रहे हैं.

बिहार में शराबबंदी कानून लागू किये जाने के बाद भी सरकार की समस्या समाप्त नहीं हुई है. एक तरफ सरकार जहां कड़ाई से इस कानून को पालन कराने के लिए प्रयासरत है वहीं आये दिन सूबे के कई जगहों से अवैध तरीके से शराब के बनने व सेवन करने की खबर सामने रहती है. कई मामलों में पुलिसकर्मियों की मिलीभगत भी सामने आयी है. वहीं हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के मुखिया व बिहार के भूतपूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी शराबबंदी के तरीके में कुछ बदलाव करने की पैरवी कर रहे हैं.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जीतन राम मांझी बिहार में चोरी-छिपे शराब के पनपे कारोबार को लेकर यह मानते है कि प्रदेश में लागू शराबबंदी का कोई दूसरा तरीका होना चाहिए था. मांझी पहले भी बिहार में शराबबंदी को लेकर कई बयान दे चुके हैं. कई बार उन्होंने सख्त टिप्पणी भी की है. वहीं मांझी का मानना है कि बिहार में इस कानून का कड़ाई से पालन किया जाए, इसे लेकर कई प्रयास किये जा रहे हैं लेकिन फिर भी परिणाम सुकून देने लायक नहीं है. इसकी समीक्षा की जानी चाहिए.

उन्होंने कहा कि सरकार शराबबंदी कानून को मजबूती से लागू कराने के लिए काफी प्रयास कर रही है. इसके लिए कई लोगों को और तंत्रों को इस काम में लगाया गया है, जो काफी अच्छा है. मांझी ने कहा कि मैं इन प्रयासों की सराहना करता हूँ. लेकिन उसके बाद भी अगर परिणाम संतोषजनक नहीं आ रहे हैं तो फिर हमें दूसरा तरीका आजमाने की जरुरत है.

Also Read: सर्वे रिपोर्ट: कोरोना के दूसरे लहर ने दी दस्तक तो
टीका लेने को राजी होने लगे लोग, जानें कौन सी वैक्सीन लोगों की बनी पसंद

उन्होंने इस विवाद पर भी अपनी राय रखी जो अक्सर सामने आता रहा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून को मजबूती से लागू नहीं करा पाने में और इसके अवैध धंधे में मददगार बनने वाले सभी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. चाहे वो कर्मी किसी भी पद पर हो उसपर कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने नकली शराब की बिक्री पर सीनियर अधिकारियों को निशाने पर लिया.

बता दें कि इससे पहले भी मांझी कई बार बिहार में शराबबंदी को लेकर सख्त बयान दे चुके हैं. उन्होंने ये तक चैलेंज दे दिया था कि सरकार मंत्रियों, विधायक और वरीय पदाधिकारियों के बंगले की तलाशी लेकर देखें, अगर उनके बंगले से शराब नहीं मिलेगी तो वो राजनीति छोड़ देंगे.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मांझी इससे पहले शराब मामले में कार्रवाई के दौरान पक्षपात की बात भी कर चुके हैं. उन्होंने ये आरोप लगाए थे कि शराब के काले कारोबार को लेकर केवल गरीब, दलितों और निचले तबके के लोगों को फंसाया जाता है और जेल में डाला जाता है जबकि पावरफूल लोग आसानी से इस कानून का उल्लंघन करते हैं.

Posted By: Thakur Shaktilochan

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें