बिहार में बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा का पहला दिन था. सामान्य दिनों की तुलना में गुरुवार को यात्रियों की संख्या 10 गुना अधिक थी. चारों तरफ अभ्यर्थी ही अभ्यर्थी नजर आ रहे हैं. पूछताछ काउंटर पर लंबी लाइन लगी है. लाइन में खड़े बनारस से आये आशुतोष पांडे पूछते हैं कि राजगीर के लिए कौन-सी पहली ट्रेन आयेगी. काउंटर पर बैठी एक महिला कर्मी बोलती है, सुबह 6:30 बजे दानापुर राजगीर इंटरसिटी एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म नंबर 2 पर आयेगी. आशुतोष बुधवार की रात में ही जंक्शन पहुंच गये थे.
आशुतोष बताते हैं उनकी तरह हजारों की संख्या में अभ्यर्थी पटना पहुंचे हैं. वहीं ट्रेन जैसे ही प्लेटफॉर्म पर आयी, सभी अभ्यर्थियों का हुजूम प्लेटफॉर्म पर उमड़ गया. अधिकांश यात्री ट्रेन के कोच में सवार हो गये. जिस कोच में जिसे जगह मिल गयी वह उसी में चढ़ रहा था. यही नजारा दिल्ली से राजगीर जा रही ट्रेन नंबर 12392 श्रमजीवी एक्सप्रेस में देखने को मिला. ट्रेन के आने से पहले ही अभ्यर्थी प्लेटफॉर्म नंबर 2 पर खड़े थे. इसी तरह का नजारा 13266 पाटलिपुत्र जयनगर इंटरसिटी एक्सप्रेस में देखने को मिला. इस ट्रेन से मुजफ्फरपुर जाने वाले अभ्यर्थियों की भीड़ अधिक थी. ट्रेन ठीक 7:15 बजे पाटलिपुत्र स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 4 पर आ गयी. इस ट्रेन में पहले सीट पाने की होड़ मची रही.
अभ्यर्थियों की भीड़ के चलते दानापुर, पाटलिपुत्र और पटना जंक्शन रेलवे स्टेशनों पर व्यवस्था गड़बड़ा गयी. ट्रेनों में पैर रखने की जगह नहीं थी. परीक्षा में शामिल होने के लिए संबंधित रेलवे स्टेशनों पर अभ्यर्थियों की भीड़ उमड़ पड़ी. जनरल और स्लीपर कोच में पैर रखने की जगह नहीं मिली, तो अभ्यर्थी एसी कोच में घुस गये. ट्रेन में चढ़ने के लिए मारामारी हुई. सबसे ज्यादा दिक्कत युवतियों को हुई.
परीक्षा को लेकर रेलवे की ओर से कोई स्पेशल ट्रेन की व्यवस्था नहीं की गयी थी. इसके चलते भी स्थिति खराब थी. दूसरे राज्यों से पटना आने वाली अधिकांश ट्रेनों के जनरल और स्लीपर कोच पूरी तरह से पैक थे. आलम ये थे जिन यात्रियों को स्टेशन पर उतरना था, उन्हें उतरने के लिए जूझना पड़ा. बड़ी मुश्किल से वो स्टेशन पर उतर पाये. वहीं राजगीर, मुजफ्फरपुर जाने वाली ट्रेन रुकते ही कोच में चढ़ने के लिए गेट पर अभ्यर्थियों की भीड़ लगी थी. जब जनरल और स्लीपर कोच में जगह नहीं मिली, तो एसी कोच में अभ्यर्थियों की भीड़ चढ़ गयी. एसी कोच में चढ़ने के लिए भी जमकर मारामारी हुई. भीड़ के आगे जीआरपी और आरपीएफ भी बेबस नजर आये.