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बिहार नियोजित शिक्षक संघ ने नयी नियमावली का किया स्वागत, आंशिक संशोधन की रखी मांग

नियोजित शिक्षक संघ के प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पांडेय ने कहा कि नयी नियमावली प्रथम दृष्टया स्वागत योग्य है, जिस से शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिलेगा. सेवाशर्तों से संबंधित विभिन्न मसलों को स्पष्ट करते हुए नियमावली में आंशिक संशोधन की मांग रखी जायेगी.

पटना. टीइटी-एसटीइटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ के प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पांडेय ने कहा कि नयी नियमावली प्रथम दृष्टया स्वागत योग्य है, जिस से शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिलेगा. उन्हें पे ग्रेड का लाभ मिलेगा. स्थानांतरण का लाभ मिलेगा. संगठन नयी नियमावली का अध्ययन कर रहा है. सेवाशर्तों से संबंधित विभिन्न मसलों को स्पष्ट करते हुए नियमावली में आंशिक संशोधन की मांग रखी जायेगी. नियमावली 2023 तत्काल प्रभाव से सरकार लागू करे.अविलंब बिहार शिक्षक संघर्ष मोर्चा के माध्यम से अपनी चिन्हित बिंदुओं पर अपना आपत्ति दर्ज करेगा.

अगले पे-ग्रेड में समायोजित किये जायेंगे

उन्होंने बताया कि अभी प्राइमरी शिक्षकों (क्लास 1 से 5) का बेसिक पे ग्रेड 25 हजार रुपये हैं. वहीं, माध्यमिक शिक्षकों (क्लास 6 से 8 तक) का बेसिक पे ग्रेड 28 हजार रुपये है. इसी तरह उच्च माध्यमिक शिक्षकों (क्लास 9 और 10) का 31 हजार व 2 शिक्षकों का 32 हजार रुपये है. इसमें बड़ी बात यह है कि राज्यकर्मी का दर्जा पानेवाले नियोजित शिक्षकों का अभी की सैलरी अगर उनके पे ग्रेड से ज्यादा होगी, तो उन्हें पे-प्रोटेक्शन का भी लाभ मिलेगा. इसका मतलब है कि उन्हें अभी अपनी सैलरी मिलती रहेगी और बाद में वरीयता के अनुसार वो अगले पे-ग्रेड में समायोजित किये जायेंगे.

विशेष तथ्य

  • -प्राथमिक और माध्यमिक निदेशक सार्वजनिक हित में विशिष्ट शिक्षकों को जिले से बाहर स्थानांतरित कर सकते हैं.

  • -काम नहीं वेतन नहीं का नियम होगा प्रभावी. बिना अनुमोदन के अवकाश पर रहने पर रोका जायेगा वेतन.

सेलरी अगर पे ग्रेड से अधिक हुई तो शिक्षकों को मिलेगा पे-प्रोटेक्शन का लाभ

शिक्षा विभाग की तरफ से जारी बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली- 2023 के अनुसार राज्यकर्मी का दर्जा पानेवाले नियोजित शिक्षकों की अभी की सैलरी अगर उनके पे ग्रेड से ज्यादा होगी, तो उन्हें पे-प्रोटेक्शन का भी लाभ मिलेगा. इसका सीधा मतलब यह होगा कि उन्हें वर्तमान सैलरी मिलती रहेगी. बाद में वरीयता के अनुसार वो अगले पे-ग्रेड में समायोजित किये जायेंगे. इसे कुछ यूं समझ सकते हैं कि 2006 में अगर कोई नियोजित शिक्षक है, तो उसकी सेलरी विशिष्ट शिक्षकों की प्रस्तावित सैलरी से ज्यादा होगी. ऐसी स्थिति में उनकी सेलरी वर्तमान ग्रेड के हिसाब से नहीं, उन्हें पुराने ग्रेड से ही मिलती रहेगी.

जिला स्तर पर एकल संवर्ग के रूप में विलय हो जायेंगे शिक्षक

नियमावाली के अनुसार विशिष्ट शिक्षक जिला स्तर पर एकल संवर्ग के रूप में विलय हो जायेंगे. बशर्ते की वह विभाग की तरफ से आयोजित सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण कर लें. वहां एक अलग संवर्ग का गठन किया जायेगा, जिनकी सेवा शर्तों को इस नियमावली में विनियमित किया जायेगा. जब भी कोई विशिष्ट शिक्षक सेवानिवृत्त होगा या त्यागपत्र देगा या उसे बर्खास्त कर दिया जाता है, तो उस रिक्ति पर स्थानीय निकाय की तरफ से नियुक्ति नहीं की जायेगी.

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उसी आरक्षण श्रेणी से संबद्ध रहेंगे

रिक्ति का नियत प्रतिशत विशिष्ट शिक्षकों की प्रोन्नति के लिए एवं शेष को विभाग विद्यालय अध्यापक के संवर्ग में स्थानांतरित करने में सक्षम होगा. ऐसा व्यक्ति जो इस नियम के तहत अनुकंपा के आधार पर नियुक्त किये गये हैं, उन्हें बिहार राज्य विद्यालय शिक्षक नियमावली के तहत नियुक्त माना जायेगा. स्थानीय निकाय नियमावली 2020 के तहत नियुक्त शिक्षक उसी आरक्षण श्रेणी से संबद्ध रहेंगे, जिसके लिए उन्हें स्थानीय निकायों की तरफ से नियोजित किया गया था.

अलग वरीयता सूची तैयार की जायेगी

जिला स्तर पर विशिष्ट शिक्षकों की एक वरीयता सूची तैयार की जायेगी. शिक्षकों की प्रत्येक श्रेणी यथा प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक के लिए विषयवार एक अलग वरीयता सूची तैयार की जायेगी. इसके लिए मानदंड तैयार किये गये हैं. मानदंड के अनुसार स्थानीय निकायों शिक्षकों के रूप में प्रशिक्षित वेतनमान की तिथि आदि हैं. मानदंड में फिट न होने वाले किसी अन्य मामले का निर्णय डीइओ करेंगे. नियमावली में विभागीय कार्यवाही शुरू करने की प्रक्रिया,दंड आदि का प्रावधान किया है.

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