राज्य में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए परिवहन विभाग ने सभी जिलों के डीएम को दिशा -निर्देश भेजा है. हाल के दिनों में विभाग की ओर से की गयी समीक्षा में यह बात सामने आयी थी कि अधिकतर जिलों में सड़क दुर्घटनाओं में कमी आयी है, लेकिन 11 जिले में अब भी दुर्घटनाएं सामान्य से अधिक हो रही हैं.
विभाग ने राज्यभर में हाइवे, ग्रामीण सड़कों व शहरी इलाकों में दिन – रात में पेट्रोलिंग तेज करने का निर्देश दिया है. साथ ही, जिन जगहों पर अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं,वैसे इलाकों को चिह्नित करने और वहां सख्ती से यातायात नियमों का पालन कराने को कहा है.
राज्य में एनएच पर सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं. 2020 में 3285 मौतें एनएच पर हुई हैं, जो कुल मौतों 6699 का 59 प्रतिशत है. इसमें भी एनएचएआइ के अधीन वाली सड़कों पर 2517 यानी 17 फीसदी, पथ निर्माण विभाग के अधीन एनएच सड़कों पर 768 मौतें हुईं,जो 23 फीसदी हैं. वहीं, एसएच पर 1409 मौतें हुईं, जो कुल मौतों का 21 फीसदी, तो एमडीआर और ग्रामीण सड़कों पर 2005 मौतें हुईं, जो कुल मौतों का 50 फीसदी है.
Also Read: बिहार सरकार कन्या विवाह योजना के तहत कर रही आर्थिक मदद, जानिए कैसे ले सकेंगे इसका लाभ
परिवहन विभाग ने जहानाबाद, बेतिया, नालंदा, सीतामढ़ी, बक्सर, सहरसा, रोहतास, गोपालगंज, वैशाली, बांका व भागलपुर में यातायात नियमों को सख्ती से पालन कराने के लिए सभी संबंधित विभागों को दिशा-निर्देश दिया है. विभाग ने इन जिलों में कारणों का पता लगाने के लिए एक माह का समय दिया है, ताकि कारणों का पता चलने के बाद उन कारणों का निबटारा किया जा सके.
अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि तेज रफ्तार की गाड़ियों पर नियमित जुर्माना करें. वहीं, कोई गाड़ी चालक बार-बार तेज रफ्तार गाड़ी चलाने के दौरान पकड़ा जाता है, तो उसका लाइसेंस जब्त करें. इसके लिए शनिवार-रविवार के अलावा भी नियमित जांच कर गाड़ियों पर जुर्माना करें. साथ ही, लहरियाकट गाड़ी चलाने वालों पर कार्रवाई तेज करें और इसके लिए राज्य में नियमित अभियान चलाएं.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan