पटना हाईकोर्ट ने बिहार और उत्तर प्रदेश के डीजीपी समेत दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिया कि हर हाल में सहारा प्रमुख सुब्रत राय को 16 मई सोमवार को साढ़े दस बजे हाईकोर्ट में प्रस्तुत करें. न्यायाधीश संदीप कुमार की एकलपीठ ने सहारा इंडिया के विभिन्न योजनाओं में उपभोक्ताओं द्वारा जमा किये गये पैसे के भुगतान को लेकर दायर की गयी दो हजार से ज्यादा हस्तक्षेप याचिकाओं पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया.
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इससे पहले पटना हाईकोर्ट ने 27 अप्रैल और 12 अप्रैल को सुनवाई करते हुए सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय को 12 मई को हाईकोर्ट में उपस्थित होकर यह बताने का निर्देश दिया था कि बिहार के निवेशकों का सहारा की विभिन्न कंपनियों में जमा पैसों का भुगतान इन कंपनियों द्वारा कैसे और कब तक किया जायेगा.
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सुब्रत रॉय की ओर से अपने स्वास्थ्य और सुरक्षा की समस्या को लेकर हाईकोर्ट में तीन याचिकाएं दायर की गयीं, जिसे पटना हाईकोर्ट ने मानने से इनकार कर दिया. इसके बावजूद सुब्रत रॉय को पटना हाईकोर्ट में पेश होने को लेकर हाईकोर्ट के इर्द-गिर्द भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किये गये थे. लेकिन, सुब्रत रॉय पटना हाईकोर्ट में उपस्थित नहो हुए.
पटना हाईकोर्ट ने कहा कि सुब्रतो रॉय ने अपनी स्वास्थ्य औऱ सुरक्षा का हवाला देकर कोर्ट में उपस्थिति से छूट देने का जो आवेदन दिया है, वह स्वीकार करने योग्य नहीं है. लेकिन, सुब्रत रॉय का पटना हाईकोर्ट में अदालती आदेश के बावजूद उपस्थित नहीं होना यह प्रमाणित करता है कि पटना हाईकोर्ट के आदेश का उनके मन में सम्मान नहीं है. एकलपीठ ने कहा कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है.
एकलपीठ ने कहा कि अदालती आदेश का पालन हर व्यक्ति को करना चाहिए. सहारा की ओर से लगातार वकील बदले जा रहे हैं, ताकि सुब्रत रॉय को कुछ राहत मिल सके, लेकिन उन्हें अभी तक राहत नहीं मिली है. इसके पहले पटना हाईकोर्ट प्रशासन द्वारा जिला प्रशासन को उन्हें सुरक्षा प्रदान करने के लिए सूचित किया जा चुका है.
गुरुवार औऱ सोमवार को भी उनके हाईकोर्ट में उपस्थित होने को लेकर हाईकोर्ट के आसपास की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद थी. बावजूद इसके सुब्रत रॉय पटना हाईकोर्ट में उपस्थित नहीं हुए और तरह तरह के बहाने बनाये गये.
इसके पहले की सुनवाई में पटना हाईकोर्ट ने सहारा के वकील से यह जानकारी मांगी थी कि वह पटना हाईकोर्ट को यह बताएं कि बिहार के निवेशकों का पूरा पैसा उन्हें कब तक और किस तरह मिलेगा. पटना हाईकोर्ट के निर्देश के बावजूद सहारा की ओर से कोई भी जानकारी स्पष्ट रूप में नही दीं गयी, तब नाराज होकर पटना हाईकोर्ट ने यह निर्देश दिया है.