पटना : नीतीश कुमार को एनडीए का नेता घोषित होने के कुछ घंटे बाद ही भाजपा ने अपनी 121 सीटों की सूची और 27 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिये. उम्मीदवारों की सूची के अनुसार पार्टी ने बड़हरा से राघवेंद्र प्रताप सिंह को उम्मीदवार बनाया है, जो लंबे समय तक राजद की सरकार में मंत्री थे.
वहीं, राजनीति के मैदान में पहली बार उतरीं जानी-मानी ट्रैप शूटर श्रेयसी सिंह जमुई से उम्मीदवार होंगी. वह पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय दिग्विजय सिंह की बेटी हैं, जबकि शाहपुर से मुन्नी देवी को एक बार फिर उम्मीदवार बनाया गया है, जो भाजपा नेता स्वर्गीय विश्वेवर ओझा की भाभो यानी छोटे भाई की पत्नी हैं. 2016 में भाजपा नेता विश्वेश्वर ओझा की हत्या हो गयी थी. वहां उनका मुकाबला राजद के राहुल तिवारी से होगा.
जदयू ने अपनी 122 सीटों में सात पूर्व सीएम जीतन राम मांझी को दी हैं, जबकि भाजपा को इस बार विधानसभा की मिली 121 सीटों में पांच ऐसी हैं, जो जदयू कोटे की हैं. इन सीटों पर 2015 के विधानसभा चुनाव में जदयू के उम्मीदवारों ने अपनी जीत दर्ज की थी. लेकिन, इस बार इन सीटों पर भाजपा कोटे में आने से इन पर भाजपा के उम्मीदवार खड़े होंगे. जदयू की जो सीटिंग सीटें भाजपा में आ गयी हैं, उनमें जोकीहाट, सिमरी बख्तियारपुर, गौरा बौड़ाम व हायाघाट, दरौंदा शामिल हैं. इससे इन सीटों पर मौजूदा समय में समीकरण अब अलग तरह का देखने को मिलेगा. हालांकि उपचुनाव में सिमरी बख्तियारपुर व दरौंदा में जदयू हार गया था.
पहले चरण की 71 सीटों में जदयू को 39 सीटें मिली हैं, जिनमें छह सीटें हम को दी गयी हैं. यानी जदयू की अपनी सीटें 33 आयीं. भाजपा को 32 सीटें मिली, जिनमें से कुछ सीटों पर वीआइपी के उम्मीदवार होंगे. तीनों चरणों की 122 सीटों में जदयू के खाते में अनुसूचित जाति की 22 सीटें और अनुसूचित जनजाति की मनिहारी विधानसभा सीट आयी है. इनमें एससी कोटे की पांच सीटें मांझी की पार्टी को दी गयी हैं.भाजपा को तीनों चरणों में एससी कोटे की 16 और एक सीट अनुसूचित जनजाति कोटे की कटोरिया की है.
भाजपा ने पहले चरण की अपनी 32 सीटों में 27 पर उम्मीदवारों के नाम जारी कर दिये हैं. इनमें तीन एससी व एक एसटी कोटे की सीटें भी शामिल हैं. पार्टी ने इस सूची में अपने कैडर वोटर अगड़ी जातियों का ख्याल रखते हुए सामाजिक समीकरण साधने की भी कोशिश की है. 27 में से सात राजपूत, पांच भूमिहार, तीन यादव, दो ब्राह्मण, दो कुशवाहा व चार अति पिछड़ों को प्रतिनिधित्व दिया गया है.
कहलगांव पवन कुमार यादव
बांका राम नारायण मंडल
कटोरिया (एसटी) निक्की हेम्ब्रम
मुंगेर प्रणव कुमार यादव
लखीसराय विजय कुमार सिन्हा
बाढ़ ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू
बिक्रम अतुल कुमार
बड़हारा राघवेंद्र प्रताप सिंह
आरा अमरेंद्र प्रताप सिंह
तरारी कौशल कुमार सिंह
शाहपुर मुन्नी देवी
रामगढ़ अशोक सिंह
मोहनिया (एससी) निरंजन राम
भभुआ रिंकी रानी पांडेय
चैनपुर बृज किशोर बिंद
डिहरी सत्यनारायण सिंह यादव
काराकाट राजेश्वर राज
गोह मनोज कुमार शर्मा
औरंगाबाद रामाधार सिंह
गुरुआ राजीव नंदन दांगी
बोधगया (एससी) हरि मांझी
गया शहर प्रेम कुमार
वजीरगंज वीरेंद्र सिंह
रजौली (एससी) कन्हैया कुमार (रजवार)
हिसुआ अनिल सिंह
वारसलीगंज अरुण देवी
जमुई श्रेयसी सिंह
Posted by Ashish Jha