पटना : इस बार बिहार विधानसभा चुनाव बाकी समय से काफी अलग है. कोरोना के इस दौर में उम्मीदवार जनसंपर्क, सभा या रैली करने की बजाय सोशल मीडिया के जरिये प्रचार करने में अधिक रुचि दिखा रहे हैं.
उम्मीदवार ही नहीं, राजनीतिक पार्टियों के पदाधिकारी व कार्यकर्ता भी सोशल मीडिया पर ही पार्टी की नीतियों व कार्यक्रमों का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, ट्विटर, इंस्टा सहित अन्य माध्यमों पर टीजर वीडियो अपलोड किया जा रहा है. ताकि, वोटर्स को सोशल मीडिया पर आकर्षित कर सकें.
चुनाव के दौरान शूटिंग का काम जोर-शोर से चल रहा है. इसलिए कई लेखकों द्वारा आकर्षित वीडियो बनाने के लिए स्क्रिप्ट भी तैयार किये जा रहे हैं. इस तरह की वीडियो को बनाने के लिए कलाकारों को भी अच्छा काम मिल रहा है, इससे कलाकारों में भी उत्साह है.
अब चुनाव के दौरान जो भी वीडियो बनाये जा रहे हैं. उसे प्रोफेशनल तरीके से तैयार किया जा रहा है. इसमें वीडियोग्राफर, फोटोग्राफर के साथ-साथ सिनेमेटोग्राफर की अहम भूमिका है. वीडियोग्राफर रोहित कहते हैं बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान लोकेशन से लेकर गाने के बोल और कलाकारों का चयन सब पहले से किया होता है. शूट के दिन वीडियोग्राफर और फोटोग्राफर की भी जरूरत पड़ती है, जो प्रोफेशनल तरीके से शूट कर सके.
चुनाव के दौरान इस तरह के वीडियो में बिहार की उपलब्धियों का जिक्र किया जा रहा है, जिसे वीडियो के माध्यम से दिखाया जा रहा है. इसके लिए गांव भी कलाकार पहुंच रहे हैं. इसमें किसानों की भलाई, खेती, बिजली, शिक्षा व स्वच्छता से संबंधित दृश्यों को दिखाया जा रहा है. इसके साथ ही विपक्ष पार्टी के वीडियो में बिहार में हो रहीं गड़बड़ियों को दिखाया जा रहा है. एक वीडियो बनाने में करीब 15 से 20 लोगों की टीम रहती है.
इस बार चुनाव के दौरान एक से पांच मिनट का वीडियो बनाने में करीब 10 लाख रुपये तक खर्च हो रहे हैं. इसके लिए कलाकार से लेकर अन्य लोगों के रहने की व्यवस्था सब करनी होती है. कई वीडियो के लिए कलाकार भी बाहर से बुलाये जा रहे हैं. इस बारे में वीडियोग्राफर मोगली क्लिकर ने बताया कि इन दिनों वीडियो बनाने का क्रेज चुनाव के लिए काफी ज्यादा है, जिसे लाइक, शेयर लोग खूब कर रहे हैं. इसके अलावा चुनाव के लिए डिजिटल पेज भी बनाये जा रहे हैं.
Posted by Ashish Jha