राजदेव पांडेय, पटना: सूखे की विभीषिका के लिए चर्चित दक्षिण बिहार की तरह बाढ़ क्षेत्र उत्तरी बिहार भी अब तपने लगा है. इस क्षेत्र का अधिकतम औसत तापमान हर पांच साल में आधा से एक डिग्री सेल्सियस (कहीं कहीं इससे भी अधिक ) तक बढ़ा दिख रहा है. यह निष्कर्ष आइएमडी पटना के एक विशेष अध्ययन के हैं. यह अध्ययन 2018 और 2022 जून के अधिकतम औसत तापमान पर आधारित हैं. इस तरह के जलवायुविक बदलाव से उत्तरी बिहार के कृषि पैटर्न और उत्पादन पर असर पड़ना तय माना जा रहा है.
बिहार में सबसे कम तापमान वाला क्षेत्र सुपौल, अररिया और किशनगंज तक सीमित हो गया है. इन जिलों का जून माह का औसत तापमान 32 डिग्री सेल्सियस से कम है. पहले इस तरह के क्षेत्र में सात से आठ जिले तक शामिल थे. दक्षिण-पश्चिम बिहार का औसत उच्चतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक ही रहा है. फिलहाल सर्वाधिक गर्म दक्षिण बिहार और तुलनात्मक तौर पर सबसे ठंडे क्षेत्र उत्तरी बिहार में औसतन आठ डिग्री सेल्सियस का अंतर है. हालांकि यह अंतर पिछले पांच साल में तेजी से सिकुड़ा है.
दूसरी तरफ, दक्षिण बिहार के सर्वाधिक उच्च तापमान वाले क्षेत्र (हीट जोन) में अप्रत्याशित इजाफा हुआ है. वर्ष 2018 में औरंगाबाद और इसके आस-पास के क्षेत्र हीट जोन में थे. वर्ष 2022 जून आते-आते बिहार में हीट जोन में गया, रोहतास और बक्सर के आसपास वाले क्षेत्र भी शुमार हो गये हैं. यहां का औसत उच्चतम तापमान 38 से 40 डिग्री तक पहुंच गया है. वर्ष 2018 में इस क्षेत्र में औसत उच्चतम तापमान 38 से 39 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा करता था. मध्य बिहार में पटना,भोजपुर और नालंदा इत्यादि जिलों में जून 2018 में औसत उच्चतम तापमान 35-36 डिग्री के आसपास था. अब इस क्षेत्र में तापमान 35 से 37 डिग्री सेल्सियस के बीच पहुंच गया है. चंपारण क्षेत्र, समस्तीपुर,भागलपुर,खगड़िया और मुंगेर आदि जिलों में भी औसत उच्चतम तापमान 34-36 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है.
पिछले 30 साल के मौसमी आंकड़ों के अनुसार बिहार में पांच से छह महीनों के उच्चतम तापमान में कमी और न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी हो रही है. इससे साफ जाहिर है कि ऐसे महीनों में सर्दी और गर्मी दोनों अधिक महसूस होंगे. आइएमडी के मुताबिक वर्ष 2021 में जनवरी, मई, जून, अक्तूबर, नवंबर और दिसंबर में औसत उच्चतम तापमान सामान्य से कम रहा था. मई में औसत उच्चतम तापमान 3.3 डिग्री सेल्सियस कम था. यह 1901 के बाद चौथा सबसे ठंडा महीना था. शेष महीने का उच्चतम तापमान सामान्य रहा या अधिक.
दूसरी तरफ अप्रैल, मई और जून को छोड़ कर अन्य महीनों का राज्य का औसत न्यूनतम तापमान अधिक रहा. अक्तूबर का न्यूनतम तापमान सर्वाधिक 1.7 डिग्री अधिक रहा. राज्य में मई का न्यूनतम औसत मासिक मीन तापमान 2.1 डिग्री सेल्सियस कम रहा. 1901 के बाद सबसे ठंडा रहा. इसी तरह जून 2021 का पारा 1901 के बाद पांचवां सबसे कम रहा.
आइएमडी पटना के मौसम अधिकारी विवेक सिन्हा ने बताया कि दक्षिणी बिहार में हीट जोन का विस्तार हो रहा है. चिंता की बात यह है कि उत्तरी बिहार में कम तापमान वाले क्षेत्र सिकुड़ते जा रहे हैं. इधर आंकड़े आये हैं कि 2021 में कई महीनों में उच्चतम तापमान घटा है और न्यूनतम तापमान बढ़ा है. यह अलर्ट करने वाली स्थितियां हैं.