पटना. चक्रवाती प्रभावों और कम दबाव का क्षेत्र विकसित होने से राज्य की मौसमी दशाओं में अप्रत्याशित बदलाव आया है. बुधवार को सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, किशनगंज, अररिया, शिवहर, पूर्णिया और उसके आसपास के जिलों में भारी बारिश की आशंका है. इस दौरान ठनका गिरने की भी आशंका जतायी गयी है. पूरे प्रदेश में बारिश को लेकर हाइ अलर्ट जारी किया गया है. आइएमडी की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार और उसके आसपास के इलाके से ट्रफ लाइन भी गुजर रही है. इसलिए बारिश के आसार लगातार मजबूत होते जा रहे हैं.
इधर मंगलवार को पूरे प्रदेश में अच्छी बारिश दर्ज की गयी है. करीब एक दर्जन स्थानों पर भारी बारिश दर्ज की गयी है. मंगलवार की देर शाम से पूरे प्रदेश में घने बादल छा गये. मौसम विज्ञान विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक अगले 48 घंटे और राज्य के मौसम में उठा-पटक होती रहेगी. फिलहाल बिहार में औसत तापमान सामान्य से नीचे चला गया है.
धान की फसल पर सबसे ज्यादा असर : अक्तूबर के उत्तरार्ध में हाे रही इस बारिश से खासतौर पर धान की पकी फसल प्रभावित हो सकती है. उसमें नमी की मात्रा बढ़ने से न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत होने वाली खरीदी पर खराब असर पड़ सकता है. वहीं निचले इलाकों में रबी की बुआई भी बाधित हो सकती है. भारी बारिश वाले इलाकों में सब्जी उत्पादन पर भी असर पड़ सकता है.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग पटना के क्षेत्रीय अधिकारी विवेक सिन्हा ने कहा कि बिहार में अगले 48 घंटे बारिश होती रहेगी. हालांकि, मॉनसून की विदाई के बाद ऐसी स्थिति का बनना चौंकाता है. फिलहाल बिहार में बना चक्रवाती दबाव का केंद्र बेहद ऊंचाई तक है. बिहार में समुद्र सतह से 12 किमी ऊंचाई तक बादल का विस्तार है, इसलिए यह सिस्टम ज्यादा प्रभावी हो रहा है.
Posted by: Radheshyam Kushwaha