बिहार में पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Chunav 2021) कुल 11 चरणों में कराया जा रहा है. इस बार बोगस वोट को रोकने के लिए निर्वाचन आयोग ने बूथों पर तकनीक का सहारा लिया है. बायोमीट्रिक मशीन (Biometric Machine) के जरिये मतदाताओं की पूरी जानकारी रिकॉर्ड की जा रही है. एक वोटर के दोबारा आते ही उसकी पहचान सामने हो रही है. वहीं फर्जी वोटर भी इस सिस्टम से आसानी से पकड़ में आ जाते हैं. इस व्यवस्था को अब पूरे देश में लागू करने की मांग होने लगी है.
बिहार पंचायत इलेक्शन (Bihar Panchayat Election 2021) के संपन्न हुए चरणों में सभी बूथों पर ठोस निगरानी की जा रही है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राज्य निर्वाचन आयोग, बिहार का दावा है कि अभी तक तीसरे चरण के मतदान खत्म होने पर किसी भी तरह बोगस वोट नहीं डाले गये हैं. बायोमेट्रिक मशीन की व्यवस्था से ऐसा संभव हो सका है. निर्वाचन आयुक्त ने इस व्यवस्था को पूरे देश के लिए मिसाल बताया है.
बता दें कि निष्पक्ष और साफ-सुथरे तरीके से मतदान कराने को लेकर इस बार पंचायत चुनाव में आयोग ने सभी बूथों पर बायोमेट्रिक मशीन की मदद ली है. हर मतदाता की जांच बायोमीट्रिक मशीन से की जा रही है. उनकी पूरी पहचान इस मशीन के जरिये रिकॉर्ड हो जाती है. इस दौरान अगर कोई मतदाता अपने मूल बूथ से हटकर अन्य बूथ पर वोट डालने जाता है तो उसकी पहचान आसानी से हो जाती है. वहीं दोबारा एक ही बूथ पर वोट डालने वाले भी पकड़ में आ सकें, यह ध्यान में रखकर इस व्यवस्था को लागू किया गया है.
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बता दें कि बायोमेट्रिक मशीन की व्यवस्था कई जगहों पर चरमराई भी है. इस व्यवस्था के कारण कई बूथों पर धीमे मतदान की भी शिकायत आई है. लेकिन अगर पहले प्रयोग में बोगस वोट रोकने में सफलता हासिल होती है तो अन्य परेशानियों को सही करके इस व्यवस्था को सफल भी माना जाएगा. वहीं इस बीच कई छिटपुट घटनाओं के बीच बिहार में पंचायत चुनाव अच्छे से संपन्न होता जा रहा है.
Posted By: Thakur Shaktilochan