बिहार भाजपा द्वारा गुरुवार को आहूत विधानसभा मार्च निकाला गया था. मार्च को शहर के डाकबंगला चौराहे पर बैरिकेडिंग लगा रोक दिया गया. इस कारण भाजपा नेताओं और पुलिस के बीच नोकझोंक शुरू हो गई और पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया. इस दौरान मौके पर उथल पुथल की स्थिति बन गई. पुलिस द्वारा वाटर कैनन व आंसू गैस का भी उपयोग किया. इस घटना में मौके पर कई भाजपा कार्यकर्ता व नेता के साथ कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए. इसी मार्च के दौरान भाजपा नेता विजय सिंह भी मौत ही गई थी.
सीएम – डिप्टी सीएम पर परिवाद दायर
जिसके बाद इस मामले में जिला प्रशासन द्वारा भाजपा नेताओं पर केस दर्ज किया गया था. वहीं अब इस मामले में भाजपा नेता कृष्ण सिंह कल्लू ने अधिवक्ता सुनील कुमार सिंह के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, पटना डीएम चंद्रशेखर सिंह, एसएसपी पटना राजीव मिश्रा के खिलाफ परिवाद दाखिल कराया गया है. जिसका केस नंबर 6398/23 है.
लगाए गए ये आरोप
अधिवक्ता सुनील कुमार सिंह ने बताया कि परिवाद में आरोप लगाया गया है कि 13 जुलाई को भाजपा बिहार प्रदेश इकाई द्वारा आयोजित विधानसभा मार्च में मुख्यमंत्री के इशारे पर और उपमुख्यमंत्री के दबाव में बिहार पुलिस ने भाजपा के नेताओं व कार्यकर्ताओं से मारपीट की. भाजपा कार्यकर्ता, सांसद, विधायक, पूर्व मंत्री व महिलाओं को बहुत ही बेरहमी से पीटा गया. भाजपा नेत्रियों से छेड़खानी भी की गयी.
इन धाराओं के तहत कार्रवाई की मांग
अधिवक्ता सुनील सिंह ने बताया कि इन्हीं आरोप के आलोक में सीजीएम कोर्ट में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, पटना के डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह, एसएसपी राजीव मिश्रा, गांधी मैदान के थानाध्यक्ष अरुण कुमार, डीएससपी सदर अशोक कुमार सहित सैकड़ों पुलिसकर्मियों के खिलाफ धारा 302, 307, 323, 341, 354 और 120 बी के तहत कार्रवाई की मांग की गयी है.
पटना सिविल कोर्ट में परिवाद दायर
वहीं भाजपा नेता कृष्ण कुमार कल्लू ने बताया कि बीजेपी की ओर से राज्य सरकार के शिक्षकों को लेकर लिए गए फैसले के विरुद्ध विधानसभा घेराव का कार्यक्रम था. पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी के नेतृत्व में यह मार्च आगे बढ़ रहा था. मार्च में कई सांसद, विधायक, वरिष्ठ नेता, कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया. लेकिन यह मार्च विधानसभा पहुंच पाती उससे पहले ही लाठियां बरसा दी गई. भाजपा नेता विजय सिंह की भी मौत हो गई. उन्होंने कहा कि मार्च के दौरान पुलिस द्वारा लाठीचार्ज की यह घटना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. वहीं महिला कार्यकर्ताओं के साथ अपनाया गया रवैया भी अच्छा नहीं था. इसी को लेकर पटना के सिविल कोर्ट में परिवाद दायर किया गया है. हमें उम्मीद है कि न्यायालय से न्याय होगा.
भाजपा डरने वाली नहीं : रघुवर दास
इधर, झारखंड के पूर्व सीएम रघुवर दास के संयोजन में बनी भाजपा की उच्चस्तरीय चार सदस्यीय केंद्रीय जांच समिति पटना पहुंची. जांच टीम ने डाकबंगला चौराहे पर हुए लाठीचार्ज को भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ राज्य प्रायोजित हिंसा बताया. इस टीम ने शनिवार को सबसे पहले मार्च स्थल डाकबंगला इलाके का दौरा किया. फिर पीएमसीएच, आइजीआइएमएस व राजवंशी नगर अस्पताल गये और वहां इलाजरत सांसद जनार्दन सिग्रीवाल सहित अन्य कार्यकर्ताओं से बातचीत की. टीम ने प्रदेश भाजपा कार्यालय में तीन सो से अधिक पार्टी नेताओं से भी बात की. रघुवार दास ने कहा कि ऐसी घटनाओं से भाजपा डरने वाली नहीं है. बंगाल व केरल में नहीं डरी तो बिहार में क्यों डरेगी. उन्होंने जहानाबाद के जिला महामंत्री विजय कुमार सिंह को शहीद बताते हुए इस घटना में तीन सौ से अधिक गंभीर जबकि हजार लोगों के घायल होने की बात कही. जांच टीम में रघुवर दास के अलावा झारखंड से सांसद बीडी राम, मनोज तिवारी और सुनीता दुग्गल शामिल थे.
क्या है पूरा मामला
बता दें कि 13 जुलाई को बिहार के शिक्षकों के लिए राज्य कर्मचारी का दर्जा देने की मांग को लेकर भाजपा ने विधानसभा मार्च निकाला था. इस मार्च में भाजपा नेता – कार्यकर्ता के साथ शिक्षकों ने भी हिस्सा लिया था. लेकिन डाकबंगला चौराहा पर पुलिस ने मार्च को रोक दिया और प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज भी किया. भाजपा क आरोप है कि इस लाठीचार्ज में बीजेपी जहानाबाद जिला के भाजपा के महामंत्री विजय कुमार सिंह की मौत हो गई थी. वहीं तीन दर्जन से ज्यादा लोग जख्मी हो गए थे. जबकि बड़ी संख्या में बीजेपी कार्यकर्ता जख्मी हो गए थे.