पटना में भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों की बैठक 23 जून को होगी. इसे लेकर राजनीतिक सरगर्मियां भी तेज हो गयी हैं. इस बैठक पर भाजपा नेता रविशंकर प्रशाद ने निशाना साधा. उन्होंने रविवार को कहा कि विपक्ष का पीएम चेहरा कौन होगा?… उनके बीच मनमुटाव है. यह सत्ता के लिए स्वार्थी लोगों का गठबंधन है. चूंकि वे अकेले पीएम मोदी का मुकाबला नहीं कर सकते, वो इसीलिए एक साथ आने की कोशिश कर रहे हैं
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत के लोग एक निश्चित सरकार चाहते हैं, न कि उन लोगों का समूह जो आपस में लड़ते रहते हैं. उन्होंने कहा कि इन लोगों को केवल सत्ता की भूख है और यह गठबंधन स्वार्थी लोगों का है.
दरअसल लोकसभा चुनाव को लेकर पटना में 23 जून को विपक्षी दलों की बैठक होनी है. इस बैठक में सभी पार्टियां मिलकर आगामी लोकसभा चुनाव के लिए एक साझा एजेंडा तय करेगी. इसके साथ ही कई यहां मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. हालांकि, सूत्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस बैठक में पीएम पद के उम्मीदवार को लेकर चर्चा नहीं होगी.
सूत्रों के अनुसार बैठक में नेशनल कॉन्फ्रेंस की तरफ से फारूक अब्दुल्ला की जगह पार्टी का प्रतिनिधित्व उमर अब्दुल्ला के करने की संभावना है. इसके साथ ही एनसीपी से शरद पवार, कांग्रेस से राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, सपा से अखिलेश यादव, शिवसेना उद्धव गुट से उद्धव ठाकरे, लेफ्ट के नेता सीताराम येचुरी, डी राजा, दीपंकर भट्टाचार्य सहित अन्य नेता शामिल होंगे.
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विपक्षी दलों की इस बैठक को लेकर तमाम भाजपा नेता हमलावर है. बिहार भाजपा क प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि राहुल गांधी ने जब तक यह नहीं सुना कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे तब तक उन्होंने बिहार आने के लिए हामी नहीं भरी. विपक्षी एकता को लेकर पूछे गये एक सवाल पर सम्राट चौधरी ने कहा कि महागठबंधन में देश की जितनी पार्टियां हैं, उन सबको प्रधानमंत्री बनना है. इस देश में तीन-तीन महीने का प्रधानमंत्री कार्यकाल का सपना देखा जा रहा है. मगर ऐसा कुछ नहीं होने वाला. देश की जनता नरेंद्र मोदी को 2024 में अपार बहुमत के साथ फिर से प्रधानमंत्री बनायेगी.