मुजफ्फरपुर. बॉयलर जैसे उपकरण को अब खतरनाक श्रेणी में रखा जायेगा. उद्योग निदेशालय की ओर से इसकी समीक्षा शुरू कर दी गयी है. मुजफ्फरपुर के बेला में बॉयलर फटने की घटना के बाद हाल में पटना में जिलों में औद्योगिक इकाइयों की सुरक्षा को लेकर बैठक हुई थी. विभागीय स्तर पर बैठक की प्रोसिडिंग जारी की गयी है. इसमें बॉयलर उपकरण को लेकर सभी जिला उद्योग केंद्र को खास तौर पर निर्देश दिया गया है.
बताया गया है कि हर जिले में स्थित ऐसे औद्योगिक इकाई जिसमें बॉयलर लगा है, उनको चिह्नित कर खतरनाक श्रेणी (हाजार्डस कैटगरी) में रखा जाना आवश्यक है. निर्देश के तहत राज्य के बाहर से यदि बॉयलर की खरीद होती है, तो टेस्टिंग के साथ उसके फिटनेस का प्रमाण पत्र जरूरी होगा. जिला उद्योग विभाग से बॉयलर लगी सभी इकाइयों की लिस्ट प्राधिकारण व अन्य विभाग से उपलब्ध कराने की बात कही गयी है. इसके लिए एक कमेटी का गठन भी किया गया है.
प्रोसिडिंग में दिसंबर 2021 में बेला बॉयलर ब्लास्ट की घटना का जिक्र किया गया है. घटनास्थल पर पदाधिकारियों ने भ्रमण के बाद निर्णय लिया कि औद्योगिक इकाइयों में से खतरनाक श्रेणी को चिह्नित करने की जरूरत है. बेला स्थित एक स्नैक्स फैक्ट्री जहां नूडल्स का उत्पादन होता था, में बॉयलर फटने की घटना के बाद करीब आधा दर्जन लोगों की मौत हो गयी थी. इसके बाद मोतीपुर में कंप्रेशर फटने से एक व्यक्ति की मौत हुई थी.
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विभागीय स्तर पर लिये गये निर्णय के तहत ऐसी इकाइयों में कार्यरत बॉयलर ऑपरेटर की दक्षता की जांच होगी. साथ ही ऑपरेटरों को एक तय समय पर विशेषज्ञ संस्थानों से प्रशिक्षण दिया जायेगा. इस प्रशिक्षण की जांच चीफ इंस्पेक्टर ऑफ बॉयलर करेंगे. स्पष्ट किया गया है कि इकाइयों के ऑपरेशन में प्रशिक्षत ऑपरेटर को ही बहाल किया जायेगा. साथ ही इन इकाइयों में हर हाल में सेफ्टी ऑफिसर को रखना है. वहीं आसपास के लोगों को भी प्रति वर्ष खतरों के बारे में जागरूक करना है.