बीपीएससी की परीक्षाओं में अब परीक्षा केंद्रों पर प्रश्नपत्र की प्रिंटिंग होगी. गुरुवार को आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने कहा कि शनिवार को होने वाली प्रोजेक्ट मैनेजर परीक्षा से इसकी शुरूआत होगी. प्रोजेक्ट मैनेजर परीक्षा के दूसरे दिन 28 अक्तूबर को भी इसे दुहराया जायेगा. नये पद्धति में प्रश्न पत्र सेंटर द्वारा बनाये गये प्रश्नपत्र की सॉफ्ट कॉपी कई सेटों में सीलबंद पेन ड्राईव में मंगवाया जायेगा. इनमें से आयोग कार्यालय में किसी सेट को परीक्षा के दिन ही संबंधित अधिकारियों द्वारा चुना जायेगा और वहां से उसे सील बंद रुप में ही सीधे परीक्षा सेंटर पर भेजा जायेगा.
वहां परीक्षा कक्ष में छात्रों के सामने ही उस पेन ड्राइव का सील खुलेगा और उसे परीक्षा कक्ष में ही बीपीएससी द्वारा उपलब्ध करवाये गये प्रिंटर पर प्रिंट किया जायेगा और अभ्यर्थियों को उपलब्ध करवाया जायेगा. यदि बीपीएससी का अनुभव इस बदलाव के दौरान बेहतर रहा तो इसे आगे आने वाले अधिकतर परीक्षाओं में लागू करने का प्रयास किया जायेगा. प्रिंटिंग प्रक्रिया में प्रश्नपत्र लीक होने की आशंका को रोकने के लिए यह बदलाव किये गये हैं. अध्यक्ष की प्रेस वार्ता के दौरान आयोग के सचिव सह परीक्षा नियंत्रक अमरेंद्र कुमार भी मौके पर मौजूद थे.
संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा पीटी समेत ऐसे सभी परीक्षाओं में जिसमें बड़ी संख्या में अभ्यर्थी शामिल होते हैं इस ऑनस्पॉट प्रिंटिंग पद्धति को अपनाना मुश्किल होगा क्योंकि इसके लिए बड़ी संख्या में प्रिंटर की जरूरत पड़ेगी. इस प्रकिया में परीक्षा शुरू होने में कुछ विलंब भी हो सकती है. हालांकि अतुल प्रसाद ने कहा है कि ऐसी स्थिति में परीक्षार्थियों को अतिरिक्त समय दिया जायेगा.
बीपीएससी अपने आगामी पीटी परीक्षाओं एवं बहु वैकल्पिक वस्तुनिष्ठ मुख्य परीक्षाओं में भी प्रश्न पत्राें को दो अलग-अलग अंक श्रेणी में पूछेगा. आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने कहा कि आमतौर पर वस्तुनिष्ठ परीक्षाओं में तीन तरह के प्रश्न पूछे जाते हैं. इनमें कुछ आसान, कुछ सामान्य जबकि कुछ कठिन प्रश्न होते हैं. अब तक सभी प्रश्नों को एक समान अंक मिलता रहा है, लेकिन आगे होने वाली परीक्षाओं में कठिन प्रश्नों को अलग से चिह्नित किया जायेगा और उन्हें सामान्य प्रश्न से अधिक अंक दिया जायेगा.
68वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा की पीटी में कुल 150 प्रश्नों में ऐसे कठिन प्रश्नों की संख्या 50 रहेगी. हर सेक्शन के प्रश्नों में ऐसे डिफिकल्ट प्रश्न शामिल होंगे जिन्हें एक की बजाय दो अंक दिया जायेगा. साथ ही लोग अंदाज के आधार पर ऐसे प्रश्नों में तुक्का नहीं लगायें, इसलिए गलत उत्तर पर ऐसे प्रश्नों में निगेटिव मार्क्स भी दिये जायेंगे. ऐसा मेधावी छात्राें को आगे बढ़ने का मौका देने और तुक्का लगाने की प्रवृति को हतोत्साहित करने के लिए किया जायेगा. नये बदलाव के बाद कुल प्रश्नों की संख्या नहीं बढ़ेगी, वे 150 ही रहेंगे. केवल कुल प्राप्तांक बढ़ कर 200 हो जायेगा. इसी ट्रेंड पर अन्य वस्तुनिष्ठ बहु वैकल्पिक उत्तर वाले परीक्षाओं में भी कठिन प्रश्न दिया जायेगा. हलांकि दिये जाने वाले अतिरिक्त अंक या कठिन प्रश्नों की संख्या परीक्षा वार घट बढ़ सकती है.
बीपीएससी आगे आने वाले लिखित परीक्षाओं में अभ्यर्थियों को उत्तर लिखने के लिए अलग अलग पेपर में अलग अलग भाषा (हिंदी या अंग्रेजी ) के इस्तेमाल की भी सुविधा देगा. हलांकि एक पेपर में अलग अलग प्रश्नों के इस्तेमाल में अभ्यर्थी अलग अलग भाषा का इसतेमाल नहीं कर सकते हैं. हिंदी में उत्तर लिखने पर केवल टर्म को ही वे अंग्रेजी में दे सकेंगे.
अध्यक्ष ने बताया कि बीपीएससी ने स्केलिंग के लिए एक कमेटी बनाई थी, जिसकी रिपोर्ट उसे मिल चुकी है. जल्द ही इस पर विचार किया जायेगा. आगामी परीक्षाओं में मुख्य परीक्षा का आवेदन भरने के समय ही बीपीएससी मृुख्य परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों से यह सुझाव मांगेगा कि वह परीक्षा में स्केलिंग चाहता है या नहीं. यदि चाहता है तो इसके लिए किस फॉर्मेट को अपनाना ठीक होगा.
इससे पहले अभ्यर्थियों को मीडिया के माध्यम से स्केलिंग के लिए इस्तेमाल में लाये जाने वाले विभिन्न तरीके और उनके खूबियों और खामियों के बारे में बताया जायेगा ताकि वे सही निर्णय ले सकें. यदि बीपीएससी के द्वारा दिये गये विकल्प के अलावा भी छात्र कोई अपना नया विकल्प देना चाहता है तो वह भी उसे देने की छूट होगी. अभ्यर्थियों के विकल्प चयन की प्रतिशत को देखते हुए आगे आयोग किसी परीक्षा में स्केलिंग लागू करने या नहीं करने पर निर्णय लेगा.
68वीं बीपीएससी पीटी का विज्ञापन अगले दो-तीन दिनों में निकलेगा. इसके लिए अब तक 222 रिक्तियां आयी हैं. कई विभागों से अभी रिक्तियों का आना बाकी है.