बिहार में कक्षा एक से बारह तक के विद्यालय अध्यापकों की नियुक्ति बिहार लोक सेवा आयोग से की जायेगी. इसके लिए जिलों से रिक्तियां शिक्षा विभाग को मिली गयी हैं. प्राथमिक से लेकर उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में 1.78 लाख रिक्त पद रिक्त हैं. साढ़े आठ हजार से अधिक नियोजन इकाइयों से यह सरेंडर कराये जा रहे हैं. शिक्षा विभाग ने औपचारिक तौर पर ये रिक्तियां राज्य स्तरीय प्रशासी पद वर्ग समिति को भेज दी हैं.
सूत्रों के मुताबिक प्लस टू स्कूलों में 90 हजार रिक्तियां और 88967 पद प्राइमरी और मध्य स्कूलों में रिक्त हैं, प्रशासी पद वर्ग समिति को एक-दो दिन के अंदर इसे मंजूर करेगी. यह देखते हुए कि नियोजन का मामला सरकार की प्राथमिकता में है. इस समिति में प्रदेश के मुख्य सचिव , वित्त ,सामान्य प्रशासन विभाग सहित शिक्षा विभाग के पदाधिकारी शामिल होते हैं.
इन रिक्तियों को विद्यालय अध्यापक नियमावली के तहत शिक्षा विभाग मान्य करेगा. इन रिक्तियों को कैबिनेट से मंजूरी ली जायेगी. इसके बाद रिक्तियों को मंजूरी के लिए कैबिनेट में भेजा जायेगा. यहां से अनुमति मिलने के बाद रिक्तियों को कोटिवार और विषयवार के हिसाब से रोस्टर क्लियरेंस के लिए जिलों में भेजा जायेगा. वहां से रोस्टर क्लियरेंस कराने के बाद शिक्षा विभाग इन रिक्तियों को चयन के लिए बिहार लोक सेवा आयोग को भेजा जायेगा. यह समूची कवायद संभवत: अगले आठ-दस दिन में पूरी हो जाने की संभावना है. इन पदों को नयी नियोजन इकाई को सुपुर्द किया जायेगा. दरअसल पंचायत की नियोजन इकाइयों को नियोजन से पूरी तरह मुक्त कर दिया गया है.
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कक्षा वर्ग– रिक्तियों की संख्या
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कक्षा एक से पांच- 87222
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कक्षा छह से आठ- 1745
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कक्षा नौ से 10- 33000
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कक्षा 10 से 12 – 57000
शिक्षा विभाग को जिले वार मिले आंकड़ों में सबसे हैरत में डालने वाली रिक्तियां मध्य स्कूलों की हैं. यहां केवल 1745 पद ही रिक्त मिले हैं. जबकि यहां रिक्तियां इससे कई गुनी ज्यादा बतायी जा रही हैं. सूत्र बताते है कि कक्षा छह से आठ वाले स्कूलों में अधिकतर पद प्रमोशन से भरे जाने हैं. इसलिए शिक्षा विभाग ने पदों को सुरक्षित रखा है. उसे सीधी भर्ती की रिक्तियों में शामिल नहीं किया है. दरअसल प्राइमरी के शिक्षकों को नियमानुसार प्रमोशन देना है. हालांकि अभी इस पर अभी रोक लगी है. फिलहाल प्रमोशन के लिए पद सुरक्षित रखे गये हैं.