बीपीएससी पेपर लीक मामले में एसआइटी ने रविवार को बड़ी कार्रवाई की है. पेपर लीक मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. ये लोग एक गिरोह के सदस्य हैं जो बीपीएससी परीक्षा का प्रश्न-पत्र लीक कर उसका सही उत्तर देने के एवज में अपने क्लाइंट से लाखों रुपये कमाता था. इस गिरोह में हाई स्कूल के शिक्षक व कृषि विभाग में सहायक के पद पर कार्यरत कर्मी भी शामिल थे. रविवार को हुई गिरफ्तारी के बाद इसका खुलासा हुआ.
67वीं बीपीएससी प्री परीक्षा का प्रश्न-पत्र लीक होने के मामले में एसआइटी ताबड़तोड़ जांच कर रही है. कइ जिलों में इसे लेकर छापेमारी चल रही है. प्रश्न-पत्र व्हाट्सएप पर फॉरवर्ड करने वालों की भी खोज की जा रही है. वहीं रविवार को हुए खुलासे के बाद ये साफ हो गया कि इसके तार गिरोह से भी जुड़े हुए हैं. इस गिरोह को एनआइटी का एक छात्र चलाता था. पटना में ही एक कंट्रोल रूम का खुलासा हुआ. यहां से कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी बरामद किये गये.
बीपीएससी पेपर लीक की जांच शुरू हुई तो सबसे पहली कार्रवाई भोजपुर जिले से जुड़े लोगों पर हुई. भोजपुर के बरहरा के बीडीओ जयवर्धन गुप्ता व वीर कुंवर सिंह कॉलेज के प्राचार्य, सेंटर सुपरिटेंडेंट और डिप्टी सुपरिटेंडेंट को गिरफ्तार किया गया. सेंटर पर गड़बड़ी करने के आरोप में ये गिरफ्तार हुए. इस बीच एक आइएएस अधिकारी का नाम इस मामले में आया जिनके मोबाइल पर परीक्षा शुरू होने से पहले ही पेपर आ गया था और उन्होंने बीपीएससी के परीक्षा नियंत्रक को वो पेपर फॉरवर्ड किया था.
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ईओयू ने पूछताछ के दौरान आईएएस अधिकारी से उस शख्स की जानकारी ली जिसने उन्हें ये पेपर भेजा था. बताया जा रहा है कि उस शख्स से भी पूछताछ की गयी है. वहीं उस गिरोह का खुलासा हुआ जो परीक्षा में प्रश्न-पत्र का उत्तर बताने के नाम पर लाखों रुपये लेता था.
इस गिरोह में भागलपुर निवासी राजेश कुमार भी शामिल मिला. राजेश कुमार कृषि विभाग में सहायक के पद पर है. इसके अलावा वैशाली जिला के निवासी कृष्ण मोहन सिंह को भी गिरफ्तार किया गया. जो हाई स्कूल देसरी के शिक्षक हैं. इन दोनों के अलावे सिवान जिला के निशिकांत कुमार राय और औरंगाबाद के निवासी सुशील कुमार सिंह इस गिरोह से गिरफ्तार किये गये.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan