बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 67 वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा में रविवार को पेपर लीक होने के बाद विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रमुख और बिहार के पूर्व पशुपालन और मत्स्य पालन मंत्री मुकेश सहनी ने सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है.
सहनी ने कहा कि रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) की गैर तकनीकी लोकप्रिय श्रेणी (NTPC) की परीक्षा को लेकर हुई गड़बड़ी से छात्र अभी उबर भी नहीं पाए थे कि आज बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 67 वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा में पेपर लीक हो गया जो की छात्रों के भविष्य के लिए नीम पर करैला जैसा साबित हुआ है. उन्होंने यह भी कहा कि भले ही इस पेपर लीक के बाद परीक्षा को रद्द कर दिया जाये, लेकिन उन छात्रों का इस प्रकरण में क्या दोष है जो परीक्षा की पूरी तैयारी कर परीक्षा केंद्र पहुंचे थे.
पूर्व मंत्री ने कहा कि लाखों बच्चों की सालों की जी तोड़ मेहनत, त्याग, कष्ट, उम्मीदें, सपने, सैंकड़ों किलोमीटर दूर केंद्र तक की यात्रा, कोचिंग-किताबों का ख़र्च पर आज बीपीएससी के अध्यक्ष के गैर जिम्मेदार रवैया ने पानी फेर दिया है. श्री सहनी ने कहा एक तो बिहार में बेरोजगारों को रोजगार के लिए अन्य प्रदेशों में पलायन करना पड़ रहा है, दूसरी ओर ऐसी महत्वपूर्ण परीक्षा का पेपर लीक हो जाना भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा है.
इधर, वीआईपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने भी कहा कि छात्र जब अपनी मांग को लेकर सड़क पर उतरते हैं तो सरकार लाठी चार्ज करवाती है, आज तो लाखों बच्चों का भविष्य सरकार ने दांव पर लगा दिया है, सरकार अब क्या करेगी? उन्होंने मांग किया कि इस मामले में जो भी दोषी हों उस पर कड़ी से कड़ी कारवाई की जाए.
वहीं बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस मामले में कहा की बिहार के करोड़ों युवाओं और अभ्यर्थियों का जीवन बर्बाद करने वाले इस बिहार लोक सेवा आयोग का नाम बदलकर अब “बिहार लोक पेपर लीक आयोग” कर देना चाहिए.