पटना. मौर्य कॉम्प्लेक्स में ”बी-हब” बनकर तैयार हो गया है. मौर्य कॉम्प्लेक्स में ए ब्लॉक में पांचवीं मंजिल पर बी-हब यानी बिजनस हब को उद्योग विभाग ने तैयार कराया है. स्टार्टअप को तकनीकी, प्रबंधन रूप से मजबूत बनाने की जिम्मेदारी चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान (सीआइएमपी ) को दी गयी है. सीआइएमपी में बिजनस एंड इंक्यूबेशन एंड इनोवेशन फाउंडेशन के सीइओ कुमुद कुमार के मुताबिक, दो जनवरी से ही स्टार्टअप इंटरप्रेन्योर काम कर रहे हैं, लेकिन औपचारिक रूप से इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे.
बी-हब में दो ब्लॉक ए और बी बनाये गये हैं . ए ब्लॉक में 109, जबकि बी ब्लॉक में 76 लोगों की बैठने की क्षमता है. स्टार्टअप इंटरप्रेन्योर अपनी व्यावसायिक क्षमता के मुताबिक सीट खरीद सकते हैं. फिलहाल यहां अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े इंटरप्रेन्योर काम करने लगे हैं. सभी 185 सीटें बुक हो चुकी हैं.
Hon Chief Minister will inaugurate B-Hub , the Startup Co Working Space at Mourya Lok Patna on 8.2.23. This space will provide affordable office space to 175 people from Bihar based Startups. pic.twitter.com/13z6llMLXu
— Sandeep Poundrik (@SandeepPoundrik) January 31, 2023
वैसे स्टार्टअप, जो बिहार सरकार में उद्योग विभाग से रजिस्टर्ड हैं या फिर उन्हें विभाग से राशि की प्राप्ति हो चुकी है, वे यहां काम शुरू कर सकते हैं. कोशिश है कि एक छत के नीचे स्टार्टअप को सभी सुविधाएं मौजूद हों और उनके कारोबारी ग्राहक को भी ऑफिस तक पहुंचने में दिक्कत न हों.
बी-हब 13,800 वर्गफुट में बना है. यहां फ्री और स्पीड वाइफाइ की सुविधा स्टार्टअप यूनिट्स को उपलब्ध है. स्टार्टअप इंटरप्रेन्योर को यहां पर चार्टर्ड एकांउटेंट और सीएस फर्म से कांउसेलिंग की सुविधा भी दी जा रही है. इंटरप्रेन्योर को मेंटरशिप प्रोग्राम का भी हिस्सा बनाया जाता है. फिलहाल यहां हेल्थ, वेस्ट मैनेजमेंट, ट्रेवल एंड टूर मैनेजमेंट, नेचुरल प्रोडक्ट्स और फिनांस से जुड़े स्टार्टअप काम कर रहे हैं.
सामान्य कैटेगरी के इंटरप्रेन्योर को 1500, वीमेंस और ट्रांसजेंडर के लिए 1400, दिव्यांग और एससी-एसटी समुदाय के इंटरप्रेन्योर के लिए सिर्फ 1300 रुपये में एक सीट एक महीने के लिए उपलब्ध है. यहां काम कर रहे स्टार्टअप इंटरप्रेन्योर नितिन तिवारी बताते हैं कि,मौर्य कॉम्प्लेक्स एक परिचित जगह है और यहां क्लाइंट को भी पहुंचने में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं आती है. वेस्ट मैनेजमेंट का स्टार्टअप शुरू करने वाले अंशु के मुताबिक, सिर्फ 1500 रुपये में इतनी शानदार जगह व्यापार के लिए मिलना एक सपने के सच होने जैसा है.
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फिलहाल बिहार में स्टार्टअप शुरू करने के लिए उद्योग विभाग की तरफ से पहली किस्त के रूप में चार लाख रुपये बगैर ब्याज के मिलते हैं. रजिस्ट्रेशन कराने के बाद विभाग की कोशिश होती है कि 45 दिनों के अंदर संबंधित व्यक्ति को पहली किस्त उपलब्ध करा दी जाये.