चंदन,मधेपुरा: महज 24 साल की उम्र में जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में आतंकियों से लड़ते हुए शहीद होने वाले मधेपुरा जिले के घैलाढ़ प्रखंड स्थित परमानंदपुर जागीर गांव के रहने वाले कैप्टन आशुतोष कुमार को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है. इस सूचना से पूरे बिहार में गर्व का माहौल है.
सेना के 18 मद्रास रेजिमेंट में कैप्टन आशुतोष ने पिछले साल 2020 नवंबर में अपने साथी सैनिकों की जान बचाने और आतंकियों को मौत के घाट उतारने में अदम्य वीरता और शौर्य का परिचय दिया . इस दौरान गोली लगने से वह शहीद हो गये. 8 नवंबर 2020 को एलओसी से लगभग 3.5 किमी की दूरी पर घुसपैठ की कोशिश की सूचना दी गयी थी.
आशुतोष कुमार ने आतंकवादियों को जवाब देने के लिए अपनी यूनिट की पलटन ‘घातक’ का नेतृत्व करते हुए मोर्चा संभाल लिया. भीषण गोलीबारी में तीन आतंकवादियों को ढेर कर दिया. इस गोलीबारी के दौरान कैप्टन आशुतोष कुमार और उनके चार साथियों को गोलियां लगीं जिससे आशुतोष शहीद हो गये.
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शहीद कैप्टन आशुतोष के पिता रविंद्र भारती ने बताया कि 18 मद्रास रेजीमेंट कश्मीर से दिन के 3:00 बजे फोन आया और शौर्य चक्र मिलने की जानकारी दी गयी. इसके बाद से बेटे की बहादुरी और देश के प्रति समर्पण को याद करके एक बार फिर से पूरे परिवार और समाज की आंखें नम हो गयीं. हालांकि उन्होंने कहा कि कैप्टन आशुतोष के अंतिम संस्कार के दिन तत्कालीन जिलाधिकारी, मधेपुरा द्वारा एक चौराहे का नामकरण शहीद के नाम से करने की बात कही गयी थी. इस मामले में अब तक कुछ नहीं हुआ, वहीं बिहार सरकार द्वारा 36 लाख रुपये शहीद के परिजनों को देने की घोषणा के मामले में महज 11 लाख रुपये ही प्रदान किया गया है.
मधेपुरा के विधायक प्रोफेसर चंद्रशेखर ने शहीद कैप्टन आशुतोष को शौर्य चक्र मिलने पर बिहार कोसी की धरती के गौरवान्वित होने की बात कही. उन्होंने कहा कि शहीद के परिवार को हर वह सुविधा बिहार सरकार को देनी चाहिए जिसका वादा किया गया.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan