पटना. जाति आधारित गणना पर रोक लगने के दिन तक पटना नगर निगम में लगभग 79 हजार परिवारों की गणना का काम बाकी रह गया था. जाति आधारित गणना पर चार मई को दोपहर के बाद से रोक लग गयी थी. हाइकोर्ट के आदेश के बाद सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी पत्र में अक्षरश: अनुपालन का निर्देश सभी जिले के डीएम को दिया गया था. इसके बाद गणना के काम पर पूरी तरह से रोक लग गयी थी.
जाति आधारित गणना के दूसरे चरण का काम 15 अप्रैल से शुरू होकर चार मई तक चला. 15 मई को गणना का अंतिम दिन था. पटना नगर निगम के सभी छह अंचलों में पहले चरण में 3.61 लाख परिवारों की गणना हुई थी. दूसरे चरण में लगभग 2.82 लाख परिवारों की गणना का काम पूरा हो गया था.
पाटलिपुत्र अंचल में सबसे अधिक गणना का काम बाकी रहा. वहां लगभग 16243 परिवारों की गणना का काम होना है. जबकि नूतन राजधानी अंचल में 12476, बांकीपुर अंचल में 15299, कंकड़बाग अंचल में 14304, पटना सिटी अंचल में 9601 व अजीमाबाद अंचल में 11279 परिवारों का गणना बाकी है. पहले चरण में हुए जाति गणना में नूतन राजधानी अंचल में 68531, पाटलिपुत्र अंचल में 80889, बांकीपुर अंचल में 52568, कंकड़बाग अंचल में 61445, पटना सिटी अंचल में 34286 व अजीमाबाद अंचल में 62932 परिवारों की गणना हुई थी. पहले चरण का काम सात जनवरी 21 जनवरी के बीच हुआ था.
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पटना जिले में लगभग 10.17 लाख परिवार के सदस्यों का डिटेल लेने का काम पूरा हो गया. जिले में कुल 13.79 लाख परिवारों की गणना होना था. अब 3.62 लाख परिवारों की गणना का काम बाकी है. पटना जिले में जाति आधारित गणना के लिए 45 चार्ज बनाये गये हैं. इसमें 23 प्रखंड के अलावा, 11 नगर परिषद, पांच पंचायत व पटना नगर निगम के छह अंचल शामिल है.गणना पर रोक के बाद सभी प्रगणक व पर्यवेक्षक चार्ज पदाधिकारियों के पास फॉर्म जमा किये हैं, ताकि उसका सुरक्षित रखा जा सके. कई छोटे-छोटे इलाके में गणना पूरी होने पर डेटा को मोबाइल एप में लोड भी किया गया.