21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जाति गणना : बिहार सरकार की याचिका पर आज पटना हाइकोर्ट में होगी सुनवाई, जानें इस बार क्या है मांग

पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने जाति आधारित गणना को चुनौती देने वाली कई लोकहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई कर अंतरिम आदेश में जाति गणना पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी. जिसके बाद राज्य सरकार ने इंटरलोकेट्री याचिका दायर की थी.

Caste Census Bihar: बिहार में जाति गणना पर पटना हाइकोर्ट द्वारा लगाये गये अंतरिम आदेश के विरुद्ध राज्य सरकार द्वारा दायर इंटरलोकेट्री याचिका पर मगंलवार को सुनवाई होगी. यह याचिका मुख्य न्यायाधीश की विनोद चंद्रन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है. राज्य सरकार द्वारा दायर इस याचिका के माध्यम से हाइकोर्ट से अनुरोध किया गया है कि जाति गणना के मामले की सुनवाई तीन जुलाई, 2023 के पहले कर दी जाये .

अंतरिम आदेश देखने से प्रतीत होता है कि यह अंतिम आदेश है

राज्य सरकार द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि अंतरिम आदेश देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि यह अंतिम आदेश है . ऐसी स्थिति में इस मामले को तीन जुलाई तक लंबित रखना उचित प्रतीत नहीं होता है. हाइकोर्ट द्वारा राज्य सरकार की याचिका को स्वीकार कर लिया जाता है तो इसकी सुनवाई कब की जायेगी, यह तिथि हाइकोर्ट निर्धारित करेगा. अगर हाइकोर्ट सुनवाई को तैयार नहीं होता है तो पूर्व निर्धारित तिथि तीन जुलाई को ही सुनवाई होगी.

गणना पर कोर्ट ने लगाई है रोक 

मालूम हो कि मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रन और न्यायाधीश मधुरेश प्रसाद की खंडपीठ ने जाति आधारित गणना को चुनौती देने वाली कई लोकहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई पूरी कर अंतरिम आदेश में जाति गणना पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी.

कोर्ट ने सुनवाई की तिथि तीन जुलाई निर्धारित की थी 

कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में सरकार द्वारा कराये जा रहे जातीय सर्वे को तुरंत बंद करने का निर्देश देते हुए कहा था कि हाईकोर्ट में इस संबंध में दायर याचिका के अंतिम निष्पादन होने तक राज्य सरकार एकत्रित किये गये डाटा को किसी के साथ साझा नहीं करेगी. कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई की तिथि तीन जुलाई निर्धारित कर दी थी.

Also Read: पटना हाईकोर्ट ने इस आधार पर लगायी जाति गणना पर रोक, जानिए कानून के जानकारों की क्या है राय
कोर्ट ने क्या कहा था आदेश में 

कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में कहा था कि जाति आधारित सर्वे एक प्रकार का जनगणना है और जनगणना करने का अधिकार केवल केंद्र सरकार के पास ही है. राज्य सरकार के पास किसी भी प्रकार की जनगणना या गणना करने का अधिकार नहीं है. राज्य सरकार जाति आधारित सर्वे भी नहीं करा सकती है क्योंकि यह एक प्रकार का जनगणना ही है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें