बिहार में जाति आधारित सर्वे (Caste Census Survey) को लेकर एक नया विवाद शुरू हो गया है. विकासशील इंसान पार्टी की ओर से जाति आधारित सर्वे कराने के लिए नीतीश कुमार को धन्यवाद देते एक विज्ञापन भी जारी किया है. वीआईपी की ओर से जारी विज्ञापन में बताया गया है कि उनके समाज (निषाद) की जनसंख्या नौ फीसदी से ज्यादा है. इसके साथ ही वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने दावा किया है कि बिहार में यादव के बाद निषाद दूसरे नंबर पर है. विज्ञापन में 20 जातियों को निषाद समाज की उपजाति बताया गया है. इस विज्ञापन पर नोनिया जाति के नेताओं ने अपनी आपत्ति जताई है.
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इधर, वीआईपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने जाति आधारित सर्वे की सफलता पूर्वक करने पर नीतीश सरकार को बधाई दी है. उन्होंने कहा है कि बिहार विधानमंडल के 9 दलों के साथ वीआईपी ने भी जाति आधारित गणना कराने का पुरजोर समर्थन किया था. उन्होंने कहा कि जाति आधारित गणना से यह साफ हो गया है कि बिहार में ओबीसी की संख्या 63.14 प्रतिशत है, जिसमें अत्यंत पिछड़ा वर्ग की संख्या 36.01 फीसदी है और पिछड़ा वर्ग की संख्या 27.13 फीसदी हैं. निषाद समाज के सभी उपजातियां, बिन्द, बेलदार, नोनिया, मल्लाह, केवट (कउट), केवर्त, कोल, गोंड, गंगई (गणेश), गंगोता, चार्य, तियर, तुरहा, घिगर, मझवार, मोरियारी, वनपर, गोड़ी (छावी), अमात, घटवार को मिलाकर निषाद समाज की संख्या कुल 9.6450 प्रतिशत हैं, जो कि संख्या के आधार पर बिहार की दूसरी सबसे बड़ी जाति हैं. वीआईपी ने सरकार से मांग किया है कि निषाद समाज के उपजातियों की सभी जाति कोड को मिलाकर एक कोड में रखा जाए.
भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष और नोनिया समाज के नेता भगवान लाल महतो ने कहा कि वीआईपी पार्टी के मुखिया मुकेश साहनी नोनिया जाति को निषाद समुदाय की उपजाति बता रहे हैं. उनको हवा-हवाई राजनीति नहीं करनी चाहिए. दूसरी जाति में मुकेश सहनी को टांग अड़ाने की जरूरत नहीं. इसके साथ ही भगवान लाल महतो ने मुकेश सहनी इसके लिए माफी मांगनी चाहिए. भगवान लाल महतो ने कहा कि बिहार और यूपी में बड़ी संख्या में नोनिया जाति के लोग हैं. उनकी उपजाति में बिंद, बेलदार, खरहर समेत 50 से अधिक उपजातियां हैं. जिसे मुकेश सहनी निषाद की उपजाति बता रहे हैं. उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए. बीजेपी नेता ने आगे कहा कि जनगणना में नोनिया जाति को अलग-अलग उपजातियां में खंडित कर गणना की गई है. जिससे इनकी संख्या कम लग रही है. जबकि बिहार स्तर पर इनकी आबादी 10-11% है. भगवान लाल महतो ने कहा कि मौजूदा गणना पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि मुजफ्फरपुर में किसी भी नूनफर अथवा नोनिया टोली में गणना पदाधिकारी पहुंचे ही नहीं. ऐसे में इनकी संख्या का सही अंदाजा लगाना मुश्किल है.