पटना/रांची. सीबीआई, पटना (एसीबी)की टीम ने रांची में 2011 में हुई 34वें राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में धांधली और इसके आयोजन में गड़बड़ी से जुड़े मामले में गुरुवार को पटना और रांची समेत देश भर के 16 स्थानों पर छापेमारी की. सीबीआई ने इस संबंध में एक मामला दर्ज किया है, जिसमें झारखंड के पूर्व खेल मंत्री बंधु तिर्की, पूर्व सांसद आरके आनंद समेत 13 लोगों को अभियुक्त बनाया गया है. झारखंड कबड्डी एसोसिएशन के तत्कालीन सचिव विपिन कुमार सिंह के पटना स्थित ठिकाने पर भी छापेमारी की गयी. इस दौरान सभी स्थानों से बड़ी संख्या में दस्तावेज, बैंक एकाउंट, निवेश से संबंधित कागजात समेत अन्य जरूरी कागजात व दस्तावेजों की जांच की गयी. कुछ कागजात जब्त भी किये गये.
झारखंड में 12, पटना में दो और दिल्ली में दो ठिकानों पर छापेमारी हुई. झारखंड में रांची, धनबाद, बोकारो, गोड्डा व दुमका में हुई छापेमारी हुई. हालांकि, सीबीआइ ने अधिकृत तौर पर सिर्फ पांच लोगों के नामों की ही घोषणा की है. इनमें बंधु तिर्की, आरके आनंद, एसएम हाशमी, मधुकांत पाठक और पीसी मिश्र शामिल हैं. सीबीआइ सूत्रों के अनुसार इन पांचों के अलावा जिनके ठिकानों पर छापामारी हुई है, उसमें आरके आनंद द्वारा गठित टेंडर कमेटी से जुड़े लोग हैं. सीबीआइ ने रांची में तत्कालीन मंत्री बंधु तिर्की के दीनदयाल नगर और बनहोरा स्थित पैतृक आवास पर छापा मारा. आयोजन समिति के कार्यालय, समिति के कोषाध्यक्ष के अलावा तत्कालीन खेल निदेशक पीसी मिश्रा के घाघरा रोड स्थित घर पर छापा मारा गया.
रांची में फरवरी, 2011 में आयोजित राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता के लिए खेल सामग्री और खिलाड़ियों के लिए कई जरूरी सामानों की खरीद में गड़बड़ी की शिकायत मिली थी. राज्यपाल के निर्देश पर महालेखाकार ने इसकी स्पेशल ऑडिट की थी. इसमें बाजार से अधिक कीमत पर खेल सामग्रियों की खरीद का मामला पकड़ में आया. ऑडिट के दौरान उजागर हुआ कि मनपसंद ठेकेदार से सामान खरीदने के लिए टेक्निकल और फाइनेंशियल बिड में कुल 50 नंबर और पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन में 50 नंबर देने का नियम बनाया गया.
जिस मनपसंद ठेकेदार को काम देना होता था, उसे पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन में ज्यादा नंबर देकर उसे काम दे दिया जाता था. ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार खेल सामग्रियों की खरीद में ठेकेदारों को 10.99 करोड़ रुपये का अधिक भुगतान किया गया. साथ ही जरूरत से ज्यादा 73.55 लाख रुपये की सामग्रियां खरीदी गयी. पहले निगरानी ने इसकी जांच की. फिर झारखंड हाइकोर्ट ने सीबीआई को जांच का आदेश दिया. सीबीआई ने 11 अप्रैल को प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की.
पटना. निगरानी के विशेष जज दीपक कुमार के कोर्ट ने गुरुवार को गोपालगंज के तत्कालीन माइनिंग इंस्पेक्टर वीरेंद्र प्रसाद यादव व उनकी पत्नी वीणा कुमारी की अवैध संपत्तियों को जब्त करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने एक माह एक माह में चिह्नित संपत्तियों को पटना के डीएम को सौंपने का निर्देश दिया है. साथ ही यह भी कहा है कि आरोपित अपनी संपत्तियों को एक माह में नहीं सौंपते हैं, तो पटना के डीएम अपने स्तर से संपत्तियों को कुर्क करने की कार्रवाई करें. विशेष कोर्ट में इओयू के एसपीपी ने वर्ष 2018 में 1996 से 2014 के बीच अवैध रूप से इनके द्वारा अर्जित 2.71 करोड़ की संपत्तियों को चिह्नित कर जब्त करने का निवेदन दिया था.
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– पीसी मिश्र, तत्कालीन खेल निदेशक
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– एसएम हाशमी,आयोजन समिति के सचिव
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– मधुकांत पाठक,आयोजन समिति के कोषाध्यक्ष
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– आरके आनंद, आयोजन समिति के कार्यकारी अध्यक्ष
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– बंधु तिर्की, तत्कालीन खेल मंत्री
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– विपिन कुमार सिंह, टेंडर कमेटी सदस्य