पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि सोनिया गांधी ने कोरोना संक्रमण के समय अखबारों और समाचार चैनलों के विज्ञापन बंद करने की सलाह दी है. यह ना केवल अव्यावहारिक है, बल्कि प्रेस की आजादी पर अंकुश लगाने की कांग्रेस की मानसिकता का प्रमाण है.
मीडिया जनता के बीच जागरूकता बढ़ाने और प्रमाणिक समाचार देने का विश्वसनीय माध्यम होता है. कांग्रेस देश में आपातकाल जैसा वातावरण बनाना चाहती है. महागठबंधन के दलों को बताना चाहिए कि क्या वे मीडिया को दबानेवाली सलाह का समर्थन करेंगे.
एक अन्य ट्वीट में सुशील मोदी ने कहा कि कोरोना संकट से निबटने के लिए सांसदों के वेतन में कटौती और सांसद निधि स्थगित रखने का केंद्र सरकार का निर्णय एक ऐसा आपात धर्म है, जिसका स्वागत सबको करना चाहिए. इससे संचित निधि में सात हजार 900 करोड़ रुपये आयेंगे. जो लोग रोज सलाह देते हैं कि क्या-क्या मुफ्त देना चाहिए. वे संसाधन जुटाने के इस फैसले का ऐसे विरोध करेंगे.
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डिप्टी सीएम ने कहा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप सहित कई देशों ने उनके आग्रह पर मलेरिया की दवा निर्यात करने पर प्रतिबंध शिथिल कर मानवता का उपकार करने के लिए भारत का आभार प्रकट किया. ट्रंप के जिस बयान को धमकी बता कर कुछ विरोधी दल छाती पीट रहे थे. उससे 18 घंटे पहले प्रधानमंत्री मोदी सीमित मात्रा में सभी जरूरतमंद देशों को दवा निर्यात करने का फैसला कर चुके थे. मुश्किल यह है कि कुछ लोग अपने देश की सरकार से ज्यादा विदेशी मीडिया पर भरोसा करते हैं.