मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि बाढ़ से सुरक्षा के लिए बचे हुए सभी कटाव निरोधक कार्य और बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य को मॉनसून के पहले पूरा करें. बाढ़ की स्थिति में तटबंधों की निगरानी के लिए विशेष सतर्कता बरती जाये. निगरानी कार्य में स्थानीय लोगों को लगाएं और उनका विशेष प्रशिक्षण कराएं.
बुधवार को सभी जिलों के डीएम और एसपी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये समीक्षा बैठक में सीएम ने कहा कि बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में नावों का संचालन ठीक ढंग से हो. इसके लिए नावों की पर्याप्त उपलब्धता रखें. उन्होंने कहा कि 13 जून तक बिहार में माॅनसून आने की संभावना है. बाढ़ के दौरान उपयोग में लायी जानेवाली निजी नावों के भाड़े और नाविकों की मजदूरी का भुगतान ससमय सुनिश्चित करें. इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के डीएम भी जुड़े रहे.
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग बाढ़ की स्थिति में प्रभावित क्षेत्रों का सही आकलन करवाये. प्रभावित परिवारों की सूची बनाते समय यह ध्यान रखा जाये कि कोई भी वास्तविक हकदार लाभ से वंचित न रहे. आश्रय स्थल का निर्माण कार्य तेजी से पूरा करें. बाढ़ की स्थिति में सामुदायिक रसोई का संचालन बेहतर ढंग से किया जाये. नदियों में गाद की उड़ाही और सिल्ट हटाने को लेकर तेजी से काम करें. जल-जीवन- हरियाली अभियान में जल संरक्षण की भी निगरानी करें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पशुओं के पेयजल के लिए कैटल ट्रफ की समुचित व्यवस्था रखें. पशुचारा, बाढ़ राहत सामग्री, दवा के साथ-साथ अन्य चीजों की उपलब्धता को लेकर पूरी तैयारी रखें. एक सप्ताह के भीतर ग्रामीण कार्य विभाग, पथ निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग, लघु जल संसाधन विभाग और डीएम के साथ प्रभारी मंत्री तैयारियों को लेकर फिर से एक दिन समीक्षा कर लें और जहां कहीं भी कमी दिखे, तो उसे ठीक कराएं.डीएम अपने क्षेत्रों में सर्वे कराकर पता करें कि पिछले वर्ष का आनुग्रहीक राहत (जीआर) का भुगतान जिनका नहीं हो पाया है, उन्हें जल्द भुगतान कराएं.
सीएम ने कहा कि मानव दवा, पशु दवा, सांप डंसने की दवा, कुत्ता काटने की दवा, ब्लीचिंग पाउडर, डायरिया की दवा की पर्याप्त उपलब्धता रखें. पथ निर्माण एवं ग्रामीण कार्य विभाग बाढ़ के दौरान क्षतिग्रस्त होने वाली सड़कों की मरम्मत की पूरी तैयारी रखें. इसको लेकर जनप्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों से विचार-विमर्श करें. पुल-पुलियों के वेंट की साफ-सफाई का कार्य भी मॉनसून के पहले पूरा करें.
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तटबंधों की निगरानी के लिए विशेष सतर्कता बरतें
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निगरानी में स्थानीय लोगों को लगाएं और उनका विशेष प्रशिक्षण कराएं
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बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के लिए नावों की पर्याप्त उपलब्धता रखें
POSTED BY: Thakur Shaktilochan