अंतरराष्ट्रीय टाइगर डे के अवसर पर आज पटना में चार बाघ शावकों का नामकरण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया. इसी के साथ पटना जू में औपचारिक रूप से पांच अन्य जू को पीछे छोड़ते हुए बाघों की संख्या की दृष्टि से पटना का संजय गांधी जैविक उद्यान पांचवें स्थान पर पहुंच गया. अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के मौके पर पशु प्रेमियों के लिए यह बढ़िया तोहफा है. अब इसके बाद पटना के चिड़ियाघर में आज से लोगों को दो महीने के बाघ देखने को मिलेगा.
वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री नीरज कुमार सिंह ने रॉयल बंगाल बाघिन सरिता के चार शावकों के नाम की घोषणा की. इन चार शावकों का नाम केसरी, मगध, विक्रम और रानी रखा गया है. नीरज कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा शावकों का नाम भेजे जाने के बाद सभी का नामकरण किया गया है. चिड़िया घर में सबके नाम का डिस्प्ले लगा दिया गया है.
पटना जू में करीब दो महीने पहले जन्मे बाघ के चार शावकों का 29 जुलाई को इंटरनेशनल टाइगर डे पर नामकरण किया जायेगा. ये चारों शावक स्वस्थ हैं और जमकर खेलकूद कर रहे हैं. इन चार शावकों में दो का रंग सफेद है और दो का रंग सामान्य बाघ की तरह है. इन चारों शावकों की मां संगीता बाघिन हर पल उनका ख्याल रख रही है. जू प्रशासन की ओर से भी इन शावकों पर 24 घंटे सीसीटीवी कैमरे से निगरानी रखी जा रही है. इन शावकों का पिता नकुल बाघ है.
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बाघिन संगीता का जन्म 2014 में चेन्नई में हुआ और वह पांच वर्ष की उम्र में 2019 में चेन्नई से पटना जू लायी गयी. उसी ने नकुल के साथ मिल कर चार शावकों को जन्म दिया है. देवी और भवानी का जन्म पटना जू में ही हुआ और इनके माता का नाम स्वर्ण बाघिन और पिता का नाम भीमा था. बाघिन का जन्म भी स्वर्णा और भीमा से ही 2017 में हुआ. नकुल यहां का एकमात्र नर बाघ है जिसकी उम्र आठ वर्ष है और आज से तीन वर्ष पहले वह भी संगीता बाघिन के साथ चेन्नई जू से लाया गया.
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नकुल नर 8 वर्ष
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संगीता मादा 8 वर्ष
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देवी मादा 8 वर्ष
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भवानी मादा 8 वर्ष
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बाघी मादा 5 वर्ष