पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 27 नवंबर को राजगीर में गंगाजल आपूर्ति योजना का उद्घाटन करेंगे. राजगीर के बाद 28 नवंबर को सीएम गया और बोधगया में भी इसी योजना का शुभारंभ करेंगे. बता दें कि पटना से गंगा जल लाने के लिए कुल 151 किलोमीटर तय कर मोकामा से बोधगया तक पाइप लाइन बिछाई गई हैं. यह देश में देश में अपनी तरह की पहली योजना है जब बाढ़ के दौरान गंगा नदी का पानी सूखाग्रस्त जिला यानी नवादा-गया के जलाशयों में पानी को जमा किया जाएगा. जहां से इस पानी को पंप मशीन के जरिये लोगों के घरों तक भेजा जाएगा.
इसको लेकर जल संसाधन मंत्री संजय झा ने बताया कि 27 नवंबर को राजगीर और 28 को गया में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गंगा जल आपूर्ति योजना का उद्घाटन करेंगे. मंत्री संजय झा ने कहा कि बिहार ही नहीं देश में अपनी तरह की यह पहली योजना है. योजना के तहत बाढ़ के समय चार माह तक गंगा जल को स्टोरेज किया जाएगा. जिसके बाद उच्च तकनीक से लैस मशीनों से इस पानी को साफ कर लोगों के घर तक पहुंचाया जाएगा.
मंत्री संजय झा ने आगे कहा कि गंगा जल आपूर्ति योजना के तहत उन इलाकों में पानी पहुंचाया जा रहा है. जहां गर्मी के समय पानी का जलस्तर काफी नीचे चला जाता है. इन इलाकों में पहले टैंकर के जरिये पानी पहुंचाना पड़ता था. योजना के शुभारंभ हो जाने के बाद अब उन सूखाग्रस्त इलाकों में सालो भर पानी मिलेगा.
मंत्री संजय झा बताया कि गया में 2019 दिसंबर को कैबिनेट की बैठक हुई थी. उसी बैठक में गंगा जल योजना पर मुहर लगी थी. 3 साल से भी कम समय में हम लोग इसका उद्घाटन करने जा रहे हैं. अभी राजगीर गया और बोधगया में पानी पहुंचाने का काम किया जा रहे हैं. नवादा में भी काम चल रहा है, जल्द ही वहां भी गंगाजल का पानी पहुंच जाएगा.
बता दें कि मोकामा के नजदीक से गंगाजल को पाइप के माध्यम से राजगीर, गया, बोधगया और नवादा ले जाया जा रहा है. गंगा जल आपूर्ति योजना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट है. सीएम इस योजना का लगतार समीक्षा करते रहे हैं. अब यह योजना पूरा हो चुका है. जिसका उद्घाटन अब मुख्यमंत्री करने वाले हैं. योजना का उद्घाटन करने के बाद 3 जिले राजगीर, गया और बोधगया के लोगों को गर्मी के दिनों पर बड़ी राहत मिलेगी.
तेतर जलाशय के पंप का डिस्चार्ज प्रति पंप 0.152 क्यूसेक है. पंप की क्षमता 23.151 किलोवाट है. राजगीर जल शोधन संयंत्र का डिस्चार्ज प्रति पंप 0.525 क्यूसेक तो पंप की क्षमता 231 किलोवाट है. इनके माध्यम से आठ महीने जल की आवश्यकता के लिए जलाशयों के भंडारण अथवा चार महीने घरेलू जल की आवश्यकता के अनुरूप जल शोधन संयंत्र में सीधे पंपिंग की जाएगी. इनसे पूरे साल लोगों को पेयजल मिलता रहेगा.