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‘कोरोना : मानव को प्रकृति का संदेश’ विषय पर वेबिनार में बोले CM नीतीश- पृथ्वी दिवस के दिन लगाये जायेंगे 2 करोड़ 51 लाख पौधे

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित 'संवाद' में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर 'कोरोना : मानव को प्रकृति का संदेश' विषय पर आयोजित वेबिनार को संबोधित किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच जून ऐतिहासिक दिन है. इस दिन को विश्व पर्यावरण दिवस के साथ-साथ संपूर्ण क्रांति दिवस एवं कबीर जयंती के रूप में भी मनाया जाता है. उन्होंने कहा कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी की संपूर्ण क्रांति और लोहिया जी की सप्तक्रांति में पर्यावरण का विशेष महत्व है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार पृथ्वी दिवस 9 अगस्त के दिन 2 करोड़ 51 लाख पौधे पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग एवं अन्य लोगों की सहभागिता से लगाये जायेंगे.

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित ‘संवाद’ में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर ‘कोरोना : मानव को प्रकृति का संदेश’ विषय पर आयोजित वेबिनार को संबोधित किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच जून ऐतिहासिक दिन है. इस दिन को विश्व पर्यावरण दिवस के साथ-साथ संपूर्ण क्रांति दिवस एवं कबीर जयंती के रूप में भी मनाया जाता है. उन्होंने कहा कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी की संपूर्ण क्रांति और लोहिया जी की सप्तक्रांति में पर्यावरण का विशेष महत्व है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार पृथ्वी दिवस 9 अगस्त के दिन 2 करोड़ 51 लाख पौधे पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग एवं अन्य लोगों की सहभागिता से लगाये जायेंगे.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड से बंटवारे के बाद बिहार का हरित आवरण नौ फीसदी रह गया था. सूबे के हरित आवरण क्षेत्र को बढ़ाने के लिए वर्ष 2012 में हरियाली मिशन की शुरुआत की गयी. 24 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य रखा गया. 22 करोड़ से ज्यादा पौधरोपण किया गया. अब राज्य का हरित आवरण 15 प्रतिशत हो गया है. इसे 17 प्रतिशत हरित आवरण करने के लक्ष्य पर काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आठ घंटे से ज्यादा देर तक चली सर्वदलीय बैठक में पर्यावरण संरक्षण एवं भू-जल संरक्षण के लिए ‘जल-जीवन-हरियाली’ अभियान चलाने का निर्णय किया गया. इस कार्यक्रम की तारीफ बिल गेट्स ने की थी. उन्हें आश्चर्य हुआ था कि बिहार पर्यावरण संरक्षण के प्रति इतना गंभीर है.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अभियान के तहत 11 सूत्री कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं. तालाब, आहर, पईन, पोखर, सार्वजनिक कुंओं का जीर्णोद्धार कराया जा रहा है. ‘हर घर-नल का जल’ पहुंचाया जा रहा है. साथ ही चापाकल को भी सुचारू रूप से फंक्शनल रखा जा रहा है. सार्वजनिक कुओं एवं चापाकलों के पास सोख्ता का निर्माण कराया जा रहा है. जंगली क्षेत्र एवं छोटी नदियों में चेक डैम का निर्माण कराया जा रहा है. नये जल स्रोतों का सृजन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सभी सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग का कार्य शुरू किया गया है. हर घर बिजली पहुंचा दी गयी है. कृषि कार्य के लिए किसानों को बिजली उपलब्ध कराया जा रहा है, ताकि उन्हें सिंचाई कार्य में कम खर्च हो. सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है. सौर ऊर्जा ही अक्षय ऊर्जा है. बिहार में हम सूर्य की उपासना भी करते हैं.

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उन्होंने कहा कि गंगा नदी के पानी को अपलिफ्ट कर राजगीर, बोधगया, गया, नवादा में स्टोर किया जायेगा और उसे शुद्ध कर पेयजल के रूप में घरों में आपूर्ति की जायेगी. मौसम के अनुकूल फसल चक्र अपनाया गया है बिहार के सभी जिलों इसे अपनाया जा रहा है. फसल अवशेष प्रबंधन के लिए कार्य किये जा रहे हैं. लोगों को फसल अवशेष नहीं जलाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जेनेटिकली मोडीफाईड क्रॉप को रोकना चाहिए. इस पर विचार किया जाये, इससे भी पर्यावरण को नुकसान होता है.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार पृथ्वी दिवस 9 अगस्त के दिन 2 करोड़ 51 लाख पौधे पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग एवं अन्य लोगों की सहभागिता से लगाये जायेंगे. बड़े पैमाने पर पौधरोपण का लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि तालाब, पोखर के चारों तरफ सघन पौधरोपण कराया जा रहा है. साथ ही सड़कों के दोनों तरफ भी कई कतारों में पेड़ लगाये जा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि 1917 में चंपारण सत्याग्रह हुआ था. वर्ष 2017 में चंपारण सत्याग्रह के 100वें साल को शताब्दी वर्ष के रूप में मनाया गया. बापू के विचारों को घर-घर तक पहुंचाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किये गये. देश के कोने-कोने से आये गांधीवादियों को सम्मानित किया गया था. उन्होंने कहा कि अब लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स ने चंपारण सत्याग्रह के शताब्दी वर्ष कार्यक्रम के ‘बापू आपके द्वार कैपेन को विश्व कीर्तिमान के रूप में दर्ज किया है.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘जल-जीवन-हरियाली’ अभियान के माध्यम से लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक किया जा रहा है. भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए पर्यावरण को सुरक्षित रखना जरूरी है. उन्होंने कहा कि आनेवाली पीढ़ियों की रक्षा के लिए हम सभी का बुनियादी दायित्व है कि पर्यावरण की रक्षा करें. हम सब अगर मिलकर चलेंगे तो पर्यावरण संकट में कमी आयेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के खिलाफ लोगों को जागरूक किया जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्रो में लोग इसके प्रति काफी जागरूक हैं. अगर हम जागरूक नहीं होंगे, तो किसी ना किसी बीमारी की चपेट में आते रहेंगे.

कार्यक्रम को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री सह उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, प्रधान सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन दीपक कुमार सिंह ने संबोधित किया. दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पूर्व सचिव पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन भारत सरकार सीके मिश्रा ने संबोधित किया. टेरी (TERI) के महानिदेशक डॉ अजय माथुर ने नयी दिल्ली से प्रस्तुतीकरण के माध्यम से अपनी बात रखी.

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