बिहार के 28 हजार मध्य और 9300 माध्यमिक और उच्च माध्यमिक यानी 37 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों में बहुत जल्द ही कंप्यूटर की पढ़ाई शुरू होगी. प्रत्येक माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूल में कम से कम 20 कंप्यूटर और मध्य स्कूलों में 10-10 कंप्यूटर उपलब्ध कराये जायेंगे. दरअसल कक्षा नौ से 12 वीं तक के विद्यार्थियों को कम्प्यूटर शिक्षा और ई लाइब्रेरी की सुविधा के लिए यह लैपटॉप स्कूलों को दिये जाने हैं.
जिला पदाधिकारियों को एक्शन प्लान बनाने का निर्देश
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने प्रदेश के सभी जिला पदाधिकारियों से इस दिशा में एक्शन प्लान बनाने को कहा है. कंप्यूटर की पढ़ाई के लिए पेशेवेर प्रोफेसनल की सेवा मानदेय के आधार पर ली जायेगी. अपर मुख्य सचिव केके पाठक के मुताबिक निर्धारित स्कूलों में किराये पर लगाये जाने वाले सभी कंप्यूटर पैनलबद्ध वेडर्स के जरिये लगवाये जायेंगे. कक्षाएं संचालित करने के लिए आइसीटी इंस्ट्रक्टर तय दर पर उपलब्ध कराये जायेंगे. इन्हीं कम्प्यूटर्स से इ लाइब्रेरी की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी. इंजीनियरिंग और मेडिकल की तैयारी करने वाले बच्चों को इ लाइब्रेरी की यह सुविधा एकदम मुफ्त दी जायेगी.
कम्प्यूटरों व लैपटॉप से इ लायब्रेरी की भी मिलेगी सुविधा
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने अपने आधिकारिक पत्र में लिखा है कि यह लैपटॉप बिहार शिक्षा परियोजना आइसीटी , लाइब्रेरी और स्मार्ट क्लास के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 में प्लस टू स्कूलों के लिए उपलब्ध करायी गयी राशि से खरीदे जायेंगे. इन्हीं कम्प्यूटरों व लैपटॉप से इ लायब्रेरी की सुविधा प्रदान की जाये, इसके लिए नोडल एजेंसी एससीइआरटी को बनाया गया है. एससीइआरटी द्वारा इस ई लायब्रेरी में संबंधित कक्षाओं के पाठ्यक्रम से संबंधित सभी पुस्तकें तथा राज्य सरकार की तरफ से तैयार किये गये रीडिंग मटेरियल को डाला जाये. इसके लिए ई मॉडुयल तैयार किया जाये. जिसमें प्रश्न बैंक और गैस पेपर आदि अपलोड किये जायें. ई लायब्रेरी में कौन सी पुस्तकें उपलब्ध करायी जायेंगी, इसके लिए जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया है.
प्रधानाध्यापकों की होगी जिम्मेदारी
हालांकि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव पाठक ने साफ कर दिया है कि इन लैपटॉप की सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापकों की होगी. वह यह सुनिश्चित करेंगे कि शाम को विद्यालय अवधि समाप्त होने के बाद सभी लैपटॉप वापस बंद कर किसी आलमारी अथवा लोहे के बक्से में रखा जाये. चोरी होने पर इसकी जिम्मेदारी सीधे तौर पर प्रधानाध्यापक की मानी जायेगी.
स्कूलों को उपलब्ध कराये जायेंगे विशेष विषयों के पेशेवर शिक्षक
शिक्षा विभाग प्लस टू स्कूलों में विशेष रूप से कंप्यूटर के साथ ही अंग्रेजी , विज्ञान और गणित की कक्षाओं में पढ़ाने और अतिरिक्त क्लास लेने के लिए विशेषज्ञ अथवा प्रोफेशनल्स नियुक्त करेगा. इसके लिए कुछ संस्थाओं को सूचीबद्ध किया जा रहा है. एक विशेष मानदेय या दर पर ये शिक्षक विद्यालय अवधि में पाठ्यक्रम की पुस्तकें पढ़ायेंगे. इसके बाद वह इच्छु़क विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग/ मेडिकल इत्यादि प्रोफेशनल कोर्स की तैयारी करायेंगे. इन विशेषज्ञ शिक्षकों को प्रति कक्षा का भुगतान विद्यालय के छात्र कोष और विकास कोष से किया जायेगा. राशि में अगर कमी आयेगी तो विभाग उसे राशि उपलब्ध करायेगा. अपर मुख्य सचिव ने जिला शिक्षा अधिकारियों से कहा है कि इस कवायद के पीछे बच्चों को कोचिंग से दूर करते हुए, उन्हें सरकारी स्कूलों की तरफ आकर्षित करना है. कंप्यूटर कक्षाओं के संचालन के लिए आइसीटी इंस्ट्रक्टर , स्टेनोग्राफर, पेशेवर्स, नाइट गार्ड आदि सुविधाओं के लिए दरें तय कर दी हैं.
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विद्यालयों एवं कार्यालयों में आवश्यक मानव बल किया जायेगा आउट सोर्स
इधर, प्रदेश के सभी क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक और जिला शिक्षा पदाधिकारियों से कहा गया है कि उन्हें जितना भी मानव बल चाहिए. उसे निर्धारित कर लें. जिला स्तर से लेकर विद्यालय स्तर की मानव बल की जरूरत की पूर्ति के लिए आउट सोर्स किया जायेगा. विभाग ने इसके लिए दर और वेंडर दोनों निर्धारित कर दिये हैं.
बजट के हिसाब से मानव बदल रखे जाने का निर्देश
विभाग के प्रशासन निदेशक सुबोध कुमार चौधरी की तरफ से जारी पत्र में कहा गया है कि मानव बल की संख्या निर्धारित करते समय उपलब्ध बजट का भी ध्यान रखें. बजट के हिसाब से ही मानव बदल रखे जाने के लिए कहा गया है. साथ ही किस जिले में कौन सा वेंडर मानव बल उपलब्ध करायेगा उसकी सूची सभी जिलों को उपलब्ध करा दी गयी है. चौधरी ने कहा कि इस बात का ध्यान रखा जाये कि सभी लगभग सामान्य मूल्य के कार्यादेश जारी हों, ताकि किसी वेंडर को यह कहने का मौका न मिले कि जिला स्तर पर उसके साथ पक्षपात पूर्ण रवैया अपनाया गया है. किस कार्यालय या स्कूल में कितने मानव बल की आवश्यकता है, इसकी सूची कालांतर में भेजी जायेगी.
वेंडर निर्धारित कर दिये गये
इसी तरह एक अन्य पत्र में जिला शिक्षा और क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशकों से कहा गया है कि केंद्रीकृत निविदा निकालकर कम्प्यूटर और दूसरे उपस्करों की आवश्यकता की पूर्ति की जाये. उपस्कर किराये पर लेने के लिए दर और वेंडर निर्धारित कर दिये गये हैं. पत्र में लिखा गया है कि संबंधित वेडर ही स्कूलों में वीसी संयंत्र भी लगायेंगे.