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बिहार चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन को लेकर सोनिया-राहुल की आलोचना किए जाने के बीच सलमान खुर्शीद ने कही ये बात

Conflict In Congress After Bihar Chunav 2020 Results Latest News बिहार विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद कुछ नेताओं द्वारा कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की आलोचना किए जाने के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने रविवार को कहा कि पार्टी में नेतृत्व का कोई संकट नहीं है और सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी के लिए पार्टी में पूरे सहयोग को ‘‘हर वह व्यक्ति देख सकता है, जो नेत्रहीन नहीं है.''

Conflict In Congress After Bihar Chunav 2020 Results Latest News बिहार विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद कुछ नेताओं द्वारा कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की आलोचना किए जाने के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने रविवार को कहा कि पार्टी में नेतृत्व का कोई संकट नहीं है और सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी के लिए पार्टी में पूरे सहयोग को ‘‘हर वह व्यक्ति देख सकता है, जो नेत्रहीन नहीं है.”

गांधी परिवार के निकट समझे जाने वाले नेताओं में शामिल खुर्शीद ने कहा कि कांग्रेस में विचार रखने के लिए पर्याप्त मंच उपलब्ध है और पार्टी के बाहर विचार व्यक्त करने से इसे ‘‘नुकसान पहुंचता” है. वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल और कुछ अन्य नेताओं ने पार्टी नेतृत्व की सार्वजनिक तौर पर आलोचना की है.

खुर्शीद ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘पार्टी नेतृत्व मेरी बात सुनता है. मुझे मौका दिया गया है, (मीडिया में आलोचना कर रहे लोगों को) उन्हें मौका दिया गया है. यह बात कहां से आ गयी कि पार्टी नेतृत्व बात नहीं सुन रहा है.”

बिहार चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन पर सिब्बल और एक अन्य वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर खुर्शीद ने कहा कि उन्होंने जो कहा, वह उससे असहमत नहीं है, लेकिन उन्होंने सवाल किया कि इसके लिए बाहर जाकर मीडिया और दुनिया को यह बताने की क्या आवश्यकता है कि ‘‘हमें ऐसा करने की जरूरत है”.

कांग्रेस कार्य समिति में स्थायी रूप से आमंत्रित होने वाले खुर्शीद ने कहा, ‘‘हर बार विश्लेषण किया जाता है, इसे लेकर कोई झगड़ा नहीं है. इस बार भी यह किया जाएगा. ये सब लोग नेतृत्व का हिस्सा हैं. नेतृत्व इसकी उचित समीक्षा करेगा कि क्या गलती हुई, हम कैसे सुधार कर सकते हैं. यह सामान्य रूप से होगा, हमें इस पर सार्वजनिक रूप से बात करने की आवश्यकता नहीं है.”

यह पूछे जाने पर कि कुछ नेता पार्टी के लिए पूर्णकालिक अध्यक्ष की मांग कर रहे हैं, खुर्शीद ने कहा कि उन्हें आगे आकर पार्टी की वार्ताओं में इस पर बात करनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘हमारे नेता को देखिए और कहिए कि आप लेबल (अध्यक्ष पद) के बिना अच्छे नहीं लग रहे. इसके बाद नेता फैसला करेगा.”

खुर्शीद ने एक साल से अधिक समय से सोनिया गांधी के अंतरिम प्रमुख होने पर चिंताएं जताने वालों पर निशाना साधते हुए पूछा कि यह फैसला किसने किया कि अंतरिम प्रमुख होने के लिए एक साल बहुत लंबा समय है. उन्होंने कहा कि यदि नये अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया में समय लग रहा है, तो इसके पीछे कोई उचित कारण होगा.

खुर्शीद ने कहा, ‘‘कोई कहीं नहीं गया है, सभी यहां हैं. केवल एक लेबल पर ही जोर क्यों है? आप इसी पर जोर क्यों दे रहे है? बहुजन समाज पार्टी में कोई अध्यक्ष नहीं है, वामदलों का कोई अध्यक्ष नहीं है, केवल महासचिव हैं. हर पार्टी एक ही मॉडल का अनुसरण नहीं कर सकती.”

उन्होंने कहा कि पार्टी के पास सोनिया गांधी के रूप में एक अध्यक्ष है, भले ही वह अंतरिम अध्यक्ष हैं. यह संविधान के परे की बात नहीं है, यह अनुचित नहीं है. खुर्शीद ने कहा, ‘‘हमें खुशी है कि हम इसके साथ काम कर रहे हैं. इसमें नेतृत्व का कोई संकट नहीं है. मैं जोर देकर इस बात को कह रहा हूं.”

उन्होंने कहा कि चुनाव समिति अध्यक्ष के चयन पर काम कर रही है, जिसमें कोविड-19 के कारण समय लग रहा है. यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस अपने नेता के रूप में राहुल गांधी के पीछे क्या मजबूती से खड़ी है, खुर्शीद ने कहा, ‘‘मुझे लगता है, जो कोई भी नेत्रहीन नहीं है, उसे यह दिख रहा है कि लोग कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया जी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का पूरा समर्थन कर रहे हैं.”

उन्होंने कहा, ‘‘(नेतृत्व पर) सवाल उठाने वाले लोग यदि स्वयं के लोकतांत्रिक होने का दावा करते हैं, तो उन्हें (नेतृत्व पर) सवाल नहीं उठाने वाले हम लोगों को भी शामिल करने का शिष्टाचार दिखाना चाहिए और पार्टी के भीतर हम यह फैसला कर सकते हैं कि वे अधिक हैं या हम. हमारी आपत्ति बस यह है कि यह पार्टी के बाहर हो रहा है.”

खुर्शीद ने हाल में कहा था, ‘‘यदि मतदाता उन उदारवादी मूल्‍यों को अहमियत नहीं दे रहे, जिनका हम संरक्षण कर रहे हैं तो हमें सत्‍ता में आने के लिए शॉर्टकट तलाश करने के बजाय लंबे संघर्ष के लिए तैयार रहना चाहिए.” इस बयान के बारे में पूछे जाने पर खुर्शीद ने कहा कि शार्टकट से उनका मतलब अपनी विचारधारा त्यागने से था.

उन्होंने कहा, ‘‘आपको अपनी विचारधारा क्यों छोड़नी चाहिए. यदि आपकी विचारधारा मतदाताओं को आपके लिए मतदान करने के लिए राजी नहीं कर पा रही है, तो या तो आपको अपनी दुकान बंद कर देनी चाहिए या आपको इंतजार करना चाहिए. हम मतदाताओं को राजी कर रहे हैं, इसमें समय लगेगा.”

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Upload By Samir Kumar

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