पटना में कोरोना संक्रमण बढ़ता जा रहा है. जिले में बुधवार को एक डॉक्टर समेत 32 लोग कोरोना संक्रमित पाये गये. इनमें तीन मरीज पीएमसीएच व आइजीआइसी अस्पताल में पाये गये हैं. वहीं, छह मरीज डिस्चार्ज किये गये. फिलहाल जिले में 111 मरीज सक्रिय हो गये हैं. 24 घंटे में कुल 3987 लोगों की जांच हुई है. सबसे अधिक 92 लोगों की जांच पीएमसीएच में हुई है. 40 प्रतिशत आरटीपीसीआर व 60 प्रतिशत एंटीजन किट से जांच की गयी है. वहीं, एनएमसीएच में कोविड की जांच में एक डॉक्टर समेत तीन संक्रमित पाये गये हैं. अस्पताल के माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग अध्यक्ष डॉ संजय कुमार ने बताया कि अस्पताल व वैशाली से आये 325 सैंपल की आरटीपीसीआर जांच हुई, जिसमें तीन संक्रमित मिले हैं. इनमें एक डॉक्टर हैं.
संक्रमित पाये जाने वाले लोग कंकड़बाग, राजेंद्रनगर, शास्त्रीनगर, बुद्धा कॉलोनी, मीठापुर, गोलारोड, राजीव नगर व फुलवारीशरीफ के रहने वाले हैं.
राज्य के आठ जिलों में कोरोना के कुल 57 नये संक्रमित पाये गये हैं. इसके साथ ही राज्य में एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 236 पहुंच गयी है. पटना के अलावा भागलपुर जिले में नौ, खगड़िया जिले में पांच, मुंगेर जिले में चार, दरभंगा जिले में दो संक्रमित पाये गये हैं.
राज्य स्वास्थ्य समिति ने कोरोना मरीजों की जांच, इलाज के लिए सभी जिलों के लिए टॉल फ्री मेडिकल हेल्पलाइन नंबर जारी की है. इस हेल्पलाइन पर मरीज 24 घंटे अपने नजदीक के अस्पताल की जानकारी, चिकित्सीय परामर्श, इलाज के लिए सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों की जानकारी, उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों को जिला नियंत्रण कक्ष के माध्यम से परामर्श देने की सुविधा उपलब्ध है. साथ ही कोरोना मरीजों को भर्ती कराने के लिए मुफ्त एंबुलेंस की सेवा की सुविधा ली जा सकती है.
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पटना सहित पूरे बिहार में कोरोना के केस बढ़ने के मद्देनजर कोरोना संक्रमितों के सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग कराने का निर्देश दिया गया है, ताकि यह पता चल सके कि कोविड के किस स्ट्रेन की चपेट में सबसे अधिक लोग आ रहे हैं. लेकिन, पटना के अलावा प्रदेश के कई जिलों की सरकारी व निजी लैब की ओर से सैंपल जांच के लिए आइजीआइएमएस में नहीं भेजे जा रहे हैं, जिससे संस्थान के जीनोमिक्स विभाग में अभी जीनोम सीक्वेंसिंग सही तरीके से नहीं हो पा रही है. होली के दौरान ही लिये गये सैंपलों की जांच रिपोर्ट कुछ दिन पहले आयी थी, जिसमें रोहतास जिले की एक 27 वर्षीय युवती में कोविड के एक नये वेरिएंट 1.16 की पुष्टि हुई थी. विशेषज्ञ डॉक्टरों के मुताबिक सीक्वेंसिंग के लिए 96 सैंपलों की जरूरत पड़ती है. लेकिन विभाग में अभी लगभग 45 के आसपास ही सैंपल हैं. ऐसे में पॉजिटिव सैंपल की संख्या बढ़ेगी, तभी सिक्वेसिंग होगी.