पटना के अस्पतालों में काम करने वाले करीब 280 से अधिक स्वास्थ्य कर्मचारी पिछले 10 दिन के अंदर कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. इनमें खासकर डॉक्टरों की संख्या अधिक है. इनमें सबसे अधिक शहर के एनएमसीएच अस्पताल में 138 डॉक्टर सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी शामिल हैं. इसके अलावा 36 स्वास्थ्य कर्मचारी पटना एम्स में, 27 आइजीआइएमएस, 32 पीएमसीएच, 18 आइजीआइसी अस्पताल यानी कुल 251 डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मचारी पॉजिटिव पाये गये हैं.
बाकी 29 डॉक्टर व कर्मचारी शहर के गुरुगोविंद सिंह अस्पताल, गार्डिनर रोड, शास्त्रीनगर स्थित राजवंशी नगर हड्डी अस्पताल आदि अस्पताल में काम करने वाले हैं. पॉजिटिव पाये जाने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों में डॉक्टर, नर्स, वार्ड ब्वॉय, ओटी असिस्टेंट, किरानी आदि शामिल हैं. एम्स में कोरोना की चपेट में आने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए नया प्रोटोकॉल बनाने पर विचार चल रहा है. रेजीडेंट डॉक्टर एसो के अध्यक्ष डॉ विनय कुमार यादव ने बताया कि कोरोना की तीसरी लहर आने के बाद दिल्ली एम्स के डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों को सात दिन के लिए होम आइसोलेशन में रहने का नियम है.
पटना स्थित भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय में 40 अधिकारी व कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव हो गये. सोमवार को बैंक परिसर में विशेष कैंप लगायी गयी थी. इसमें 90 कर्मचारी और अधिकारियों का आरटीपीसीआर टेस्ट कराया गया था. इनमें 40 अधिकारी व कर्मचारी के पॉजिटिव पाये गये हैं. इसके बाद सभी को होम आइसोलेशन पर भेज दिया गया है. पटना क्षेत्रीय कार्यालय में लगभग 300 से अधिकारी व कर्मचारी कार्यरत है.
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पटना. मौर्यालोक स्थित नगर निगम मुख्यालय में एक कर्मी कोरोना पॉजिटिव पाया गया हैं. इसके बाद से दूसरे कर्मियों में दहशत है. कोरोना पॉजिटिव कर्मी होम आइसोलेशन में रह कर इलाज करवा रहे हैं. जानकारों के अनुसार कोरोना पॉजिटिव होने के बाद से दूसरे कर्मी भी संशय में है. इस वजह से मुख्यालय में बाहरी लोगों से मिलने का काम नहीं हो रहा है. सूत्र ने बताया कि सरकार के गाइड लाइन के अनुसार कार्यालयों में 50 प्रतिशत कर्मियों की उपस्थिति अनिवार्य की गयी है. इस संबंध में कर्मियों के कार्यालय आने को लेकर एक-दो दिनों में आदेश जारी होगा. यह आदेश निगम के सफाइकर्मियों पर लागू नहीं होगा.