पटना सहित पूरे बिहार में बढ़ते कोरोना संक्रमण का असर अब सरकारी अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था पर पड़ने लगा है. शहर के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) की ओपीडी में गुरुवार से काउंटर पर पंजीयन करा इलाज नहीं कराया जा सकेगा. ओपीडी में उपचार के लिए सिर्फ उन्हीं मरीजों का इलाज होगा, जो पहले से ऑनलाइन पंजीयन कराकर आयेंगे.
अधिकारियों के मरीज या स्वजन डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट आइजीआइएमएस डॉट ओआरजी पर जाकर ऑनलाइन पंजीयन करा सकते हैं. वहीं दूसरी ओर मंगलवार को आइजीआइएमएस के प्रिंसिपल डॉ रंजीत गुहा सहित तीन डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं. इनमें एक प्रिंसिपल के अलावा दो सीनियर रेजीडेंट डॉक्टर शामिल हैं. तीनों डॉक्टरों का इलाज होम आइसोलेशन में चल रहा है.
आइजीआइएमएस के मेडिकल सुपरिटेंडटेंट डॉ. मंडल ने बताया कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने वाले अलग-अलग विभाग में सिर्फ 50 मरीजों का ही इलाज किया जायेगा. जबकि इमरजेंसी सेवा पहले की तरह सातों दिन 24 घंटे चलती रहेगी. यहां तैनात डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मचारियों को कोरोना प्रोटेक्शन मानकों का आवश्यक रूप से अनुपालन करने को कहा गया है. सभी को पीपीइ किट, मास्क, ग्लव्स व सैनिटाइजर मुहैया कराया जायेगा.
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एमबीबीएस की पढ़ाई अब अगले आदेश तक सिर्फ ऑनलाइन करायी जायेगी. क्लास बंद कर दिया गया है. इसके अलावा एमबीबीएस सेकेंड इयर की होने वाली परीक्षा को अगले आदेश तक रोक लगा दी गयी है. साथ ही रुटिन ऑपरेशन भी बंद करने के आदेश जारी कर दिये गये हैं. इमरजेंसी में भर्ती होने वाले गंभीर मरीजों का ही इलाज व ऑपरेशन किया जायेगा.
मंगलवार को पटना एम्स में दो नये कोरोना पॉजिटिव मरीजों को एडमिट कराया गया है. इतना ही नहीं पटना एम्स के 11 डॉक्टर जिसमें एक फैकल्टी और 10 रेजिडेंट डॉक्टर कोरोना संक्रमित पाये गये हैं. इसके अलावा तीन पैरामेडिक्स भी पॉजिटिव हैं.
पटना एम्स के कोरोना नोडल ऑफिसर डॉ संजीव कुमार के मुताबिक मंगलवार की देर रात रिपोर्ट लिखने तक दो मरीज़ नये भर्ती हुए हैं. इसके अलावा तीन और कोरोना संक्रमित मरीजों के भर्ती करने की प्रक्रिया चल रही है. इस तरह मंगलवार की देर रात तक कोविड वार्ड में 15 मरीज हो गए हैं, जिसमें 1 वेंटिलेटर पर है.