बिहार में कोरोना की तीसरी लहर ने पूरे प्रदेश में अपना पांव पसार लिया है. संक्रमण फैलने की आशंका को देखते हुए सतर्कता बरती जा रही है. शिक्षण संस्थानों पर भी पाबंदियां लागू की गयी है. इधर फरवरी माह में बिहार बोर्ड इंटर और मैट्रिक की परीक्षा लेने वाला है. परीक्षा में शामिल होने से पहले सभी छात्र-छात्राओं को कोविड वैक्सीन का डोज लगाया जाएगा. एक तरफ जहां परीक्षा की तिथि नजदीक है वहीं अधिकतर छात्र अभी भी टीकाकरण के लिए बांकी ही हैं.
बिहार बोर्ड 1 फरवरी से इंटर की परीक्षा व 17 फरवरी से मैट्रिक की परीक्षा का आयोजन करने जा रहा है. इंटर और मैट्रिक परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों के लिए टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. परीक्षार्थियों को एग्जाम से पहले कोविड टीका का डोज दिया जाना है. इसकी तैयारी में स्कूल भी लग गये हैं. कई जगह परीक्षार्थियों को प्रैक्टिकल परीक्षा के पहले ही टीका दिलवाया जा रहा है.
बिहार बोर्ड की मैट्रिक और इंटर परीक्षा तिथि काफी नजदीक है. इधर स्कूलों के साथ-साथ यह स्वास्थ्य विभाग के लिए भी एक चुनौती बन गयी है कि इतने कम समय में सभी का टीककारण कैसे हो. दरअसल, परीक्षा से पहले करीब 23.95 लाख परीक्षार्थियों को टीका लगाया जाना है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस साल बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा में 16 लाख 48 हजार 894 तो इंटर की परीक्षा में 13 लाख 46 हजार 334 परीक्षार्थी शामिल होंगे. दोनों को मिलाकर 29 लाख 95 हजार 228 परीक्षार्थियों का टीककारण होना है.
बिहार बोर्ड की परीक्षा में हर जिले के छात्र-छात्राओं को वैक्सीन का डोज दिया जाना है. हर जिले में 20 हजार से अधिक परीक्षार्थी हैं. पटना जिले में संक्रमण सबसे अधिक फैला है. पटना में करीब डेढ लाख परीक्षार्थी इंटर और मैट्रिक की परीक्षा में शामिल होने वाले हैं. परीक्षा के दौरान अधिक संख्या में परीक्षार्थी शामिल होंगे और कोरोना संक्रमण जिस तरह पांव पसार रहा है, इसे देखते हुए परीक्षार्थियों को कवच लगाना बेहद जरुरी समझा जा रहा है. कोरोना की तीसरी लहर में इसबार 15 से 18 साल उम्र के किशोरों को भी टीका दिया जाने लगा है.