साकिब, पटना. पटना जिले के 17 सेंटरों पर कोरोना वैक्सीन लगायी जा रही है. वैक्सीनेशन के पहले चरण में डॉक्टरों-स्वास्थ्यकर्मियों को ही वैक्सीन लगायी जा रही है.
तीन दिनों तक जिले में वैक्सीनेशन अभियान चल चुका है लेकिन इसमें उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिल पायी है. तीन दिनों में 4368 स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य था लेकिन इनमें से मात्र 2551 को ही यह लगायी जा सकी.
प्रभात खबर की पड़ताल में इसके दो प्रमुख कारण सामने आये हैं. पहला और महत्वपूर्ण कारण जो सामने आया है वह यह कि इन तीन दिनों में कोविन पोर्टल लगातार फेल होता रहा है. कोविन पोर्टल पर पूर्व में अपलोड किये गये डाटा में से ही लिस्ट निकलती है और इसी लिस्ट के आधार पर वैक्सीनेशन होता है.
शुरुआती तीन दिनों के लिए कोविन पोर्टल से देर से स्वास्थ्यकर्मियों की लिस्ट निकली है. इससे देर से मैसेज स्वास्थ्यकर्मियों के मोबाइल पर गया. इन तीन दिनों में कई बार तो सिविल सर्जन कार्यालय के कर्मचारी देर रात तक लिस्ट निकालने में लगे रहे और अगले दिन के वैक्सीनेशन के लिए रात दस बजे के बाद भी कई सेंटरों को लिस्ट भेजी गयी है.
नियमों के तहत दो दिन पहले पोर्टल से लिस्ट निकलनी चाहिए, दो दिन पहले स्वास्थ्यकर्मियों के मोबाइल पर मैसेज आना चाहिए था. लेकिन यह एक दिन पहले शाम में आया. इसके कारण संबंधित अस्पताल में बने सेंटर द्वारा अपने स्तर से भी स्वास्थ्यकर्मियों से बेहतर संपर्क नहीं किया जा सका. देर से सूचना मिलने के कारण कई स्वास्थ्यकर्मी वैक्सीन लेने नहीं आ पाये.
कोरोना वैक्सीनेशन अभियान में एक बड़ी बाधा सोशल मीडिया से फैली गलतफहमियां भी हैं. जागरूकता की कमी के कारण स्वास्थ्यकर्मियों में वैक्सीन को लेकर कई तरह की शंका है. हालांकि अब यह साबित हो चुका है कि वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है.
बावजूद स्वास्थ्यकर्मियों का एक बड़ा तबका इंतजार कर रहा है कि वे बाद में इसे लेंगे. एनएमसीएच जैसे बड़े अस्पताल में भी लिस्ट में नाम रहने और बुलाने के बाद भी काफी कम लोग वैक्सीन लेने के लिए आये.
मंगलवार को वैक्सीनेशन के तीसरे दिन जिले में 1360 के लक्ष्य के मुकाबले मात्र 711 को ही वैक्सीन लगायी जा सकी. सोमवार को वैक्सीनेशन के दूसरे दिन 1422 स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन लगायी जानी थी, लेकिन सिर्फ 775 को ही वैक्सीन लगायी जा सकी.
इससे पूर्व शनिवार को वैक्सीनेशन अभियान के पहले दिन जिले के 1486 स्वास्थ्यकर्मियों को यह लगनी थी, लेकिन 915 को ही लगायी जा सकी.