पटना. कोरोना महामारी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में रविवार को आपदा प्रबंधन समूह (सीएमजी) की बैठक दोपहर में आयोजित की गयी है. बैठक में राज्य में कोरोना की स्थिति को लेकर राज्य में लगाये गये प्रतिबंधों में रियायत देने की समीक्षा की जायेगी. राज्य में कोरोना की संक्रमण दर घट रही है, जबकि रिकवरी रेट बढ़ रहा है. नये कोरोना संक्रमितों की संख्या में मामले में भी बिहार राष्ट्रीय स्तर पर 25 वें पायदान पर पहुंच गयी है. ऐसी स्थिति में यह उम्मीद जतायी जा रही है कि राज्य में रात्रिकालीन कर्फ्यू में छूट दी जा सकती है और राज्य के स्कूलों को खोलने पर महत्वपूर्ण निर्णय लिया जा सकता है.
हालांकि, राज्य में सामाजिक दूरी और मास्क के प्रयोग में कोई छूट नहीं दी जायेगी. पार्क, जिम और अन्य संस्थाओं को लेकर भी घोषणा की जायेगी. पहले आपदा प्रबंधन समूह की बैठक शनिवार को होने वाली थी जिसे रविवार तक टाल दिया गया. बैठक में मुख्यमंत्री के अलावा दोनों डिप्टी सीएम, शिक्षा मंत्री व अन्य अधिकारी मौजूद रहेंगे. आपदा प्रबंधन समूह की बैठक के पहले जिलों के वरीय अधिकारियों से फीडबैक लेकर कोरोना की स्थिति का आकलन किया जा चुका है.
कोरोना पर केंद्र की नयी गाइडलाइन के बाद बिहार के सभी जिलों में स्कूल-कोचिंग खुलने का रास्ता साफ हो गया है. केंद्र ने गुरुवार को कोरोना की नयी गाइडलाइन में कहा था कि पांच प्रतिशत से कम संक्रमण वाले जिलों के स्कूल खोले जा सकते हैं. राज्य में कोरोना की संक्रमण दर 0.35% है, जबकि पूर्णिया जिले को छोड़कर सभी जिलों में संक्रमण दर एक प्रतिशत से कम है. इस तरह बिहार के सभी जिले स्कूल खुलने के मानक को पूरा कर रहे हैं. इससे राज्य में सात फरवरी से स्कूल खोले जाने की संभावना बढ़ गयी है.
राज्य के 29 जिलों में संक्रमण दर 0.50% से भी कम है. राज्य के सिर्फ नौ ऐसे जिले हैं, जहां पर संक्रमण दर 0.50% से अधिक है. सबसे अधिक पूर्णिया जिले की संक्रमण दर 2.35% है, जो गाइडलाइन से बहुत ही कम है.
राज्य में चार जनवरी से कोरोना संक्रमण में लगातार वृद्धि दर्ज की गयी, जो 14 जनवरी के बाद से घटने लगी. 14 जनवरी के बाद से न सिर्फ नये संक्रमितों की संख्या में गिरावट दर्ज हो रही है, बल्कि संक्रमण की दर भी लगातार घटती जा रही है. इधर राज्य सरकार ने चार जनवरी को आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में निर्णय लिया था कि राज्य के सभी स्कूलों को छह फरवरी तक बंद कर दिया जाये. हालांकि, इस दौरान स्कूलों की परीक्षाओं को ऑनलाइन कराने की अनुमति दी गयी थी.