पटना : कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण लागू किये गये लॉकडाउन के दौरान ऑफिस जाने वाली वैसी महिला जो दो पहिया या अन्य कोई वाहन नहीं चला सकती उन्हें घर से कार्यालय आने जाने के लिए विशेष तौर पर छूट देने के संबंध में एक लोकहित याचिका बुधवार को पटना उच्च न्यायालय में दायर की गयी है.
याचिका में कहा गया है कि बहुत सारी महिलाएं जो नौकरी करती हैं वह स्कूटर या कार स्वयं नहीं चला पाती हैं. उन्हें उनके कार्यालय या उनके काम करने वाले जगह तक आने जाने के लिए उनके परिवार के सदस्य उन्हें छोड़ने और लाने जाते हैं. ऐसी स्थिति में इन महिलाओं को परिवार के सदस्यों के साथ कार्यालय जाने और वहां से घर आने की छूट देने का निर्देश राज्य सरकार को दिया जाये.
इसके साथ ही इस याचिका में राज्य सरकार को यह भी निर्देश देने का अनुरोध कोर्ट से किया गया है कि वह राज्य के सभी नागरिकों को मॉस्क व सैनिटाइजर मुहैया करवाये और सभी सार्वजनिक स्थानों पर राज्य सरकार के खर्च पर थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था करायी जाये. इस लोकहित याचिका में दो पहिया तथा अन्य वाहनों को चलाने में समर्थ नहीं रहने की वजह से ऑफिस न जाने वाले नियमित, संविदा व आउटसोर्सिंग वाले कर्मियों पर ऑफिस जाने के लिए दबाव बनाने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की मांग भी की गयी है.
बिहार में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव और उसकी समस्या से निबटने के लिए बनाये गये क्वारेंटिन सेंटरों की दयनीय स्थिति को लेकर दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाइकोर्ट ने राज्य सरकार से 18 मई तक जवाब तलब किया है. मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राजीव रंजन द्वारा दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया.
कोर्ट को बताया गया कि कोरोना संकट के कारण बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर वापस अपने राज्य में लौट रहे हैं. बिहार में भी बड़ी तादाद में प्रवासी मजदूर दूसरे राज्यों से वापस आ रहे हैं. ऐसे लोगों के स्वास्थ्य की जांच व इलाज के लिए राज्य में अलग-अलग जगहों पर क्वारन्टीन सेंटर बनाये गये हैं.क्वारेंटिन सेंटरो में इस तरह के लोगों के लिये रहने, खाने व अन्य बुनियादी सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था नहीं हैं. इस कारण इन प्रवासी मजदूरों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. अधिकतर क्वारन्टीन सेंटरो की ऐसी ही दुर्दशा हैं. इसी कारण आये दिन इन सेंटरों में मजदूरों का असंतोष हंगामे के रूप में देखने को मिल रहा है. वहां सोशल डिस्टेंनसिंग नियमों का भी पालन नहीं किया जा रहा है. इस मामलें पर अगली सुनवाई 19 मई को होगी.
Also Read: Coronavirus Bihar Update New : बिहार में कोरोना से सातवीं मौत, कैंसर पीड़ित थी महिला