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Covid-19 Bihar News : गर्भवती महिला व वृद्ध ने मजबूत इच्छाशक्ति से दी कोरोना को मात, गाइडलाइन का पालन कर जीती जंग

गर्भवती महिला मजबूत इच्छाशक्ति के साथ कोरोना से जंग जीतने में कामयाब हुई. वहीं, कोरोना पीड़ित पति बीमारी को तीन दिन पहले मात देकर अस्पताल से क्वारेंटिन सेंटर पटना में ठहर गया. पति ने प्रण ले रखा था कि पत्नी को ठीक होने के बाद ही वो गया स्थित घर जायेगा.

पटना सिटी : बिहार में पति की वजह से संक्रमित हुई गया की गर्भवती महिला मजबूत इच्छाशक्ति के साथ कोरोना से जंग जीतने में कामयाब हुई. वहीं, कोरोना पीड़ित पति बीमारी को तीन दिन पहले मात देकर अस्पताल से क्वारेंटिन सेंटर पटना में ठहर गया. पति ने प्रण ले रखा था कि पत्नी को ठीक होने के बाद ही वो गया स्थित घर जायेगा. इसी बीच बुधवार को पत्नी की दोबारा जांच रिपोर्ट आयी, तो उसमें निगेटिव पाया गया. मिल रही जानकारी के मुताबिक, अब अस्पताल प्रशासन गुरुवार को इनको अस्पताल से छुट्टी देगी.

अस्पताल के अधीक्षक डॉ निर्मल कुमार सिन्हा व एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. मुकुल कुमार सिंह ने बताया कि अस्पताल में कोरोना पीड़ित आठ मरीज की दूसरी जांच रिपोर्ट निगेटिव आ गयी है. ऐसे में गुरुवार को इन मरीजों का एक्स-रे कराने के बाद अस्पताल से छुट्टी दी जायेगी. अधीक्षक ने बताया कि ठीक होने वाले मरीजों में पांच महिला है. उन्होंने बताया कि सीवान के छह मरीजों में चार महिला शामिल है. वहीं, गया की महिला व गोपालगंज के शख्स शामिल है. जिन्होंने बीमारी को मात दिया है. अधीक्षक ने बताया कि नोडल चिकित्सका डॉ. अजय कुमार सिन्हा से परामर्श के उपरांत इन मरीजों को घर भेजा जायेगा. इससे पहले एक्सरे व आवश्यक जांच भी कराया जायेगा.

वृद्ध व गर्भवती का उपचार चुनौती

नोडल चिकित्सका डॉ. अजय कुमार सिन्हा ने बताया कि ठीक हुए आठ मरीज में दो मरीज गंभीर थे. खासतौर पर गर्भवती महिला व 60 वर्षीय वृद्ध इन दोनों का उपचार कर कोरोना को मात देना निश्चित तौर पर चुनौती था. नोडल पदाधिकारी ने बताया कि वृद्ध का फेफड़ा कमजोर होता है. ऐसे में कोरोना जैसे बीमारी में कमजोर फेफड़ा में उपचार करना चुनौती थी. भगवान की कृपा से दोनों मरीज ठीक हो गये.

हालांकि, पति के समय में ही गर्भवती महिला की जांच करायी गयी थी, लेकिन उसकी जांच रिपोर्ट उस समय पॉजिटिव आ गया था. इस वजह से उपचार चल रहा था. नोडल पदाधिकारी ने बताया कि गुरुवार को आठों मरीज के एक्सरे व जांच कराने के उपरांत घर भेजा जायेगा. घर में भी ठीक हुए मरीज को घर में ही 14 दिनों तक रहने की हिदायत रहेगी, साथ ही बार-बार हाथ धोने व सामाजिक दूरी कायम रखने को कहा जायेगा. नोडल पदाधिकारी ने बताया कि डब्लयूएचओ व भारत सरकार के गाइड लाइन के अनुसार रोगियों का उपचार हो रहा है.

डॉक्टरों के परामर्श व समय पर ली दवा

ठीक हुए मरीजों का कहना है कि जब जांच में बीमारी की पुष्टि हुई, तो प्रारंभ में थोड़ी घबड़ाहट हुई. इसके बाद अस्पताल में आने के यहां पर डॉक्टर की गाइडलाइन में उपचार कराते हुए उनकी बातों को फॉलो कर व समय पर दवा लेकर बीमारी को मात देते हुए यह जंग जीती है. उसी का परिणाम है कि आज स्वस्थ्य हुए है. अब घर जायेंगे. इन लोगों ने कहा कि जब प्रशासन ने उपचार के लिए लाया, तो नर्वस हुए, लेकिन आत्मविश्वास के साथ डॉक्टरों की गाइड लाइन में उपचार किया, दवा भी लेता रहा. परिणाम यह रहा कि अब मै स्वस्थ्य महसूस कर रहा हुं.खुशी की बात है कि घर भी जा रहे है.

नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में बीमारी की चपेट में आकर ठीक हो कर घर जाने वाले 22 मरीज होंगे. इससे पहले 14 मरीजों को अस्पताल से छुट्टी मिली है. बीते अप्रैल से लेकर 12 अप्रैल के बीच में 14 मरीजों को घर भेजा गया है. इसमें अस्पताल से एक अप्रैल को दो मरीज, तीन अप्रैल को निजी नर्सिंग होम की नर्स, छह अप्रैल को पांच मरीज नर्सिंग होम के वार्ड ब्वाय, सीवान के चार लोगों को छुट्टी दी गयी.

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वहीं, आठ अप्रैल को नालंदा के एक शख्स, दस अप्रैल को लखीसराय के एक महिला व 12 अप्रैल को गया के दो मरीज, सीवान के एक युवक, नालंदा के एक मरीज को विदाई दी गयी. गुरुवार को सिवान के छह, गया की एक व गोपालगंज के एक कोरोना को परास्त करने वाले मरीज को छुट्टी दी जायेगी.

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