15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Coronavirus In Bihar : संक्रमण के सॉफ्ट टारगेट में पुलिसकर्मी, कोरोना से बचाना सरकार के लिए बनी चुनौती…

पटना: सरकार के लिए एक लाख संख्या वाले पुलिस फोर्स में करीब 27 हजार पुलिसकर्मियों को कोराना से बचाकर रखना चुनौती है. सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर स्तर के ये वे पुलिसकर्मी हैं, जो हृदय रोग, दमा, मोटापा, डिप्रेशन, डायबिटीज आदि के रोगी हैं. वहीं, 12 हजार से अधिक पुलिसकर्मी बीमार तो नहीं हैं, लेकिन 55 साल की उम्र पार करने के कारण कोरोना के संक्रमण के सॉफ्ट टारगेट में हैं. पुलिस मुख्यालय की रिपोर्ट के मुताबिक 17 जुलाई, 2020 तक राज्य भर में 666 पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं.

पटना: सरकार के लिए एक लाख संख्या वाले पुलिस फोर्स में करीब 27 हजार पुलिसकर्मियों को कोराना से बचाकर रखना चुनौती है. सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर स्तर के ये वे पुलिसकर्मी हैं, जो हृदय रोग, दमा, मोटापा, डिप्रेशन, डायबिटीज आदि के रोगी हैं. वहीं, 12 हजार से अधिक पुलिसकर्मी बीमार तो नहीं हैं, लेकिन 55 साल की उम्र पार करने के कारण कोरोना के संक्रमण के सॉफ्ट टारगेट में हैं. पुलिस मुख्यालय की रिपोर्ट के मुताबिक 17 जुलाई, 2020 तक राज्य भर में 666 पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं.

Also Read: IIT Admission 2020: इस बार आइआइटी प्रवेश में हुआ बड़ा बदलाव, 12वीं में 75% अंक अब जरूरी नहीं…
पुलिस के जवान भी संक्रमण की जद में…

इनमें दो की मौत हो चुकी है. हालांकि, एडीजीपी जितेंद्र कुमार का कहना है कि बीमार पुलिसकर्मियों को सॉफ्ट ड्यूटी दी जा रही है, ताकि वे कोरोना से बचे रहें.राज्य में बहुत ही तेजी से कोराना का संक्रमण पैर पसार रहा है. अति सुरक्षित और हाइजीन एरिया में रहने वाले लोग भी संक्रमित हो रहे है. ऐसे में फ्रंट लाइन वारियर्स की भूमिका निभा रहे पुलिस के जवान भी संक्रमण की जद में हैं. बुजुर्ग और किसी-न- किसी बीमारी से पीड़ित पुलिसकर्मियों पर खतरा सबसे अधिक है.

मुख्यालय स्तर पर बीमार जवान का कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं

कुल पुलिस फोर्स में कितने जवान बीमार हैं, मुख्यालय स्तर पर ऐसा कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है. जिला स्तर पर भी केवल उनका रिकॉर्ड है, जो मेडिकल अवकाश पर हैं. बिहार पुलिस एसोसिएशन के प्रदेश महामंत्री कपिलेश्वर पासवान का कहना है कि कुल पुलिस फोर्स में करीब 30% जवान किसी-न-किसी बीमारी से पीड़ित हैं. यह संख्या अधिक भी हो सकती है. सरकार पुलिसकर्मियों को एक हजार रुपये मेडिकल भत्ता देती है, लेकिन सुविधा नहीं दे रही.

पुलिसकर्मियों का हर साल होना चाहिए मेडिकल चेकअप

आइपीएस अधिकारियों का हर साल मेडिकल चेकअप होता है. पुलिसकर्मियों का भी होना चाहिए. पुलिसकर्मियों के लिए 100 बेडों के अलग से कोरोना अस्पताल की मांग को पत्र लिखा है. हर जिला मुख्यालय पर शिविर लगाकर सभी की कोरोना जांच की भी मांग की है. बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार धीरज भी चिंतित हैं कि किसी-न-किसी मर्ज के रोगी जिला बल के हजारों सिपाही-हवलदार की सुरक्षा को जिला स्तर पर संतोषजनक इंतजाम नहीं हैं.

एडीजीपी ने कही ये बात..

पुलिसकर्मियों को संक्रमण से बचाने के लिए जिलों को विस्तृत दिशा-निर्देश दिये गये हैं. बीमार और बुजुर्ग पुलिसकर्मियों को कोरोना ड्यूटी से मुक्त रखा गया है. पूर्व में किसी मर्ज के रोगी रहे पुलिसकर्मियों को सॉफ्ट ड्यूटी दी जा रही है. पुलिस वाहन, लाइन या थाना कार्यालयों को रोजाना सैनिटाइज कराने के निर्देश हैं. सोशल डिस्टैंसिंग रखी जा रही है. सभी जिलों में आइसोलेशन वार्ड बनाये गये हैं. पर्याप्त संख्या में मास्क, दस्ताने उपलब्ध कराये गये हैं. एसएसपी को कहा गया है कि वह प्रोटोकाल का पूरा पालन कराएं. जवानों को बचाव के संसाधन उपलब्ध कराएं. जरूरत पर मुख्यालय को अवगत कराएं.

जितेंद्र कुमार, एडीजीपी

Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें