पटना : शहर में इन दिनों कोरोना के मरीज इलाज को तरस रहे हैं. मरीजों को सबसे अधिक परेशानी बेड को लेकर हो रही है, क्योंकि शहर के होटल पाटलिपुत्र अशोक व पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स खेल मैदान में बने आइसोलेशन वार्ड पूरी तरह से फुल हो चुके हैं. मुश्किल से एक से दो मरीज ही भर्ती हो रहे हैं. इस कारण बीते पांच दिनों से जिले के दो दर्जन से अधिक कोरोना मरीज बेड के लिए तरस रहे हैं और वे होम कोरेंटिन में ही रह रहे हैं. डिस्चार्ज होकर लौट रहे मरीजों की मानें, तो होटल में न तो समय पर डॉक्टर आते हैं और न खाने का पैकेट दिया जाता है. मंगलवार को प्रभात खबर की ओर से शहर के दोनों आइसोलेशन सेंटर के अलावा पीएमसीएच, एम्स में पड़ताल की गयी, तो स्वास्थ्य विभाग के दावों की पोल खुल गयी.
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पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में शहर के गौरीचक व राजीव नगर इलाके के रहने वाले दो मरीज आये थे. राजीव नगर के मरीज की दिल्ली से आने की हिस्ट्री है. दोनों ही मरीज के परिजनों ने कोरोना पॉजिटव की रिपोर्ट दिखायी, लेकिन बेड फुल होने की बात कह उन्हें लौटा दिया गया. तपती धूप में मरीज के परिजन अधिकारी से लेकर ड्यूटी में लगे डॉक्टरों से गुहार लगाते रहे, लेकिन कोई विकल्प नहीं होने से उन्हें एनएमसीएच कोरोना वार्ड में भर्ती होने के लिए रेफर कर दिया गया.
यहां बेड खाली होने के बाद भी मरीजों को बेड फुल होने की बात कह लौटा दिया जा रहा है. कोरोना से जंग जीतने के बाद तीन मरीजों को एक साथ डिस्चार्ज किया गया, उनकी जगह पर परसा बाजार के एक मरीज को भर्ती कराने के लिए परिजनों ने काफी गुहार लगायी. लेकिन अधिकारियों ने पीएमसीएच में इलाज के लिए रेफर कर दिया.
पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स खेल मैदान, होटल अशोक या पीएमसीएच में आइसोलेशन वार्ड के अंदर कोई भी मरीज बेधड़क प्रवेश कर रहे हैं. मास्क का भी सही तरीके से उपयोग नहीं हो रहा है. पाटलिपुत्र अशोक होटल के सेकेंड इंट्री गेट पर आम लोगों का प्रवेश वर्जित है, पर परिजन आसानी से इंट्री कर अपने मरीज से मिलने के लिए जा रहे थे.
पाटलिपुत्र खेल मैदान व होटल अशोक में रोजाना सुबह 10 बजे से संदिग्ध मरीजों का सेंपल लिया जा रहा है. लेकिन यहां सिर्फ वीआइपी मरीजों की ही जांच हो रही है. आम मरीजों का रजिस्टर में नाम व नंबर तो लिया जा रहा है, लेकिन 50 मरीजों की जांच व किट खत्म होने का हवाला देकर गरीब व आम मरीजों को लौटा दिया जाता है.
राजधानी के दोनों मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में निर्धारित कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए बेड से अधिक संख्या संक्रमितों की हो गयी है. इन दोनों मेडिकल कॉलेजों पर नौ जिलों के संक्रमितों के इलाज की जिम्मेदारी है. सिर्फ पटना जिले के कोरोना संक्रमितों की संख्या मंगलवार को 945 थी. यह संख्या एनएमसीएच व एम्स के कुल बेड के बराबर है. इधर, पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अभी तक कोरोना पॉजिटिव की भर्ती नहीं की जा रही है. कोरोना मरीजों के इलाज के लिए पीएमसीएच में आवश्यक मशीन उपकरण स्थापित किये जा रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग द्वारा राज्य के नौ मेडिकल कॉलेजों के साथ जिलों को अटैच किया गया है, जिससे उन जिलों में कोरोना पॉजिटिव होनेवाले मरीजों का इलाज मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में किया जा सके.
बेड फुल होने की वजह से होटल पाटलिपुत्र अशोक व पाटलिपुत्र खेल मैदान में नये मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है. बेड की क्षमता कम व मरीज अधिक होने से हम लोगों के पास यह परेशानी है. हालांकि जो भी कोरोना के मरीज हैं, उनको एनएमसीएच व पीएमसीएच में भर्ती किया जा रहा है. रही बात आइसोलेशन वार्ड में अव्यवस्था की, तो इस मामले की जांच की जायेगी.
आरके चौधरी, सिविल सर्जन, पटना
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya