बिहार में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो गई है. देखते ही देखते संक्रमण ने भयावह रूप ले लिया है. पिछले साल कोरोनाकाल में हुए लॉकडाउन के बाद अब सूबे में धीरे-धीरे व्यवस्थाएं पटरी पर लौट ही रही थी कि अचानक कोरोना ने दोबारा दस्तक दे दिया. इसबार के हालात कुछ ऐसे हैं कि बेहद कम समय के बीच संक्रमण ने तेजी से अपने पैर पसार लिये. सूबे के हालात केवल पंद्रह दिनों के अंदर बदल गए. राज्य में सक्रिय केसों के मामले तेजी से बढ़े हैं, जिसने पिछले सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिये.
बिहार में महज 15 दिनों के अंदर कोरोना संक्रमण ने पिछले साल के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिये. संक्रमण दर से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह बेहद कम समय के बीच कोरोना ने अपनी तेजी दिखाई है. 1 अप्रैल को जहां सूबे का संक्रमण दर मात्र 0.88 प्रतिशत था वहीं आज यह बढ़कर 4.77 फीसद तक पहुंच चुका है. संक्रमण में तेजी की आशंका पहले से दिखने लग गई थी जिसके कारण सरकार ने कोविड टेस्ट कराने में तेजी ला दी थी.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े इस तरफ संकेत दे रहे हैं कि किस तरह तेजी से कोरोना के मामले बढ़े हैं. करीब 15 दिनों के अंदर सक्रिय केसों की संख्या 1,907 से बढ़कर 23,724 हो गई. पंद्रह दिनों पहले हालात इस तरह नहीं थे. रोजाना 500 के करीब मरीज पाये जा रहे थे. अब की हालत ये है कि रोजाना साढ़े चार हजार के करीब संक्रमित मिल रहे हैं.
सरकार के तरफ से लगातार जांच की संख्या बढ़ाई जा रही है. माइकिंग और अन्य तरीकों से लोगों को जागरुक किया जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ लोगों की लापरवाही भी काफी अधिक देखने को मिल रही है. लोग बेवजह घरों से बाहर भीड़ लगाकर घूमते नजर आ रहे हैं. सरकार के तरफ से मास्क को लेकर जागरुक भी किया जा रहा है और मास्क चेकिंग अभियान भी चलाया जा रहा है. बिहार में 15 दिनों के अंदर 23 हजार कोरोना मामले आने तथा News in Hindi से अपडेट के लिए बने रहें।
Posted By: Thakur Shaktilochan