पटना. कोरोना वायरस तेजी से म्यूटेशन कर रहा है, पर इससे घबराएं नहीं. म्यूटेशन होते-होते ही इसका कहर समाप्त हो जायेगा. कोरोना वायरस पर शहर के बड़े वायरोलॉजिस्ट और डॉक्टरों का ऐसा ही मानना है.
विषेषज्ञों की मानें तो कोरोना कोई नया वायरस नहीं है, बल्कि यह सदियों से हमारे आसपास रहा है और ठंड लगने से होने वाली सर्दी के लिए जिम्मेदार 10 वायरसों में से एक है. इसका मूल स्वरूप जल्द किसी को नुकसान नहीं पहुंचाने वाला है.
लेकिन, चीन में वायरस की जेनेटिक संरचना में हुए बदलाव या किसी प्राकृतिक दुर्घटना के परिणामस्वरूप हुए किसी बड़े जेनेटिक फेरबदल के कारण इसका स्वरूप बेहद उग्र, संक्रामक और खतरनाक हो गया.
आज पूरी दुनिया में इसने करोड़ों लोगों को संक्रमित कर दिया है और लाखों लोग इसके कारण मौत के शिकार हो चुके हैं. चीन के वुहान से निकले इस वायरस में अब तक 40 से भी अधिक बार बड़े म्यूटेशन हो चुके हैं. अलग-अलग देशों में इसके अलग-अलग म्यूटेंट प्रचलित हैं, जिनमें से कई के संक्रमण की गति म्यूटेशन के बाद पहले की अपेक्षा बहुत बढ़ गयी है.
उदाहरण के लिए भारत में कोरोना वायरस का नया वेरिएंट, जो पुराने वेरिएंट में दो या तीन बार म्यूटेशन होने के कारण डबल या ट्रिपल म्यूटेंट के नाम से जाना जाता है, पुराने वेरिएंट की तुलना में लगभग पांच गुना अधिक संक्रामक है. यही वजह है कि नये वेब में पुराने वेब से कई गुना अधिक लोग संक्रमित हुए हैं. लेकिन विशेषज्ञों ने इससे डरने को नहीं कहा है.
पीएमसीएच माइक्रोबायोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ सत्येंद्र नारायण सिंह ने कहा कि यह म्यूटेशन करते-करते फिर से अपने मूल स्वरूप में लौट जायेगा, जो अधिक खतरनाक नहीं है. बस जरूरी है कि समय पर टीका लेकर हर्ड इम्यूनिटी विकसित कर लें, ताकि वर्तमान खतरनाक रूप से कोई नुकसान न हो.
न्यू सवेरा हॉस्पिटल के डॉ रामाकांत सिंह ने कहा कि वायरस की क्षमता व असर हमेशा एक जैसा नहीं रहता है. यह कभी गंभीर तो कभी कमजोर होते रहता है. तीन-चार वेव के बाद वायरस का प्रभाव काफी कम हो जाता है. कोरोना भी म्यूटेशन के कारण कम खतरनाक हो जायेगा.
Posted by Ashish Jha