मसौढ़ी. धनरूआ की डेवां पंचायत के रामगढ़ गांव में 36 वर्षीय युवक राजू कुमार की मौत हो गयी. युवक की मौत के बाद ग्रामीणों के बीच आशंका व्याप्त हो गयी की राजू की मौत कोरोना से हो गयी.
ग्रामीणों की आशंका उस वक्त और प्रबल हो गयी जब उन्हें यह ज्ञात हुआ कि राजू बीते तीन दिन पहले गया निवासी अपनी बहन के अंतिम संस्कार से लौटने के पश्चात बीमार हुआ था और आखिरकार शनिवार की रात उसकी मौत हो गयी.
बताया जाता है कि इस दौरान पूरे गांव में जहां सन्नाटा छा गया. वहीं गांव के लोग कोरोना की आशंका से उनके अंदर इतना भय व्याप्त हो गया कि वह अपने घरों से नहीं निकले. यहां तक कि मृतक के अपने रिश्तेदार भी अंतिम संस्कार के लिए सामने नहीं आये.
राजू का शव उसके घर में ही करीब 18 घंटे तक पड़ा रहा, लेकिन उसे उठाने को कोई नहीं आया. स्थानीय प्रशासन भी काफी देर से जागा. हालांकि राजू की मौत के बाद उसकी पत्नी सोनी देवी और उसके तीनों बच्चे राहुल व प्रिया एवं श्रुति कुमारी घर-घर जाकर अपने रिश्तेदारों और ग्रामीणों से हाथ जोड़कर शव का अंतिम संस्कार करने के लिए मिन्नतें करती रही, उनके आगे रोती बिलखती रही लेकिन उसकी मदद को कोई भी आगे नहीं आया.
बाद में जब इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन को हुई तो एसडीओ के आदेश पर कादिरगंज थाने की पुलिस व अंचल कार्यालय के कर्मियों की मौजूदगी में मौत के 18 घंटे बाद गांव के ही पास स्थित दरधा नदी में मृतक के ही छोटे भाई व बच्चों को पीपी किट पहनाकर उनके द्वारा शव का अंतिम संस्कार कराया गया.
राजू कुमार की बहन की मौत भी किसी अज्ञात बीमारी से तीन दिन पहले गया में हुई थी. उसकी मौत के बाद राजू उसके अंतिम संस्कार में शामिल होने गया था. बताया जाता है कि गया से राजू जब घर लौटा तभी से उसकी भी तबीयत खराब हो गयी और शनिवार की रात करीब 9 बजे उसकी मौत हो गयी.
राजू की दो पुत्री व एक पुत्र है. घर में उसकी पत्नी बच्चों के अलावा उसका छोटा भाई और पिता सुरेंद्र सिंह रहते हैं. बताया जाता है कि घटना के बाद से उक्त लोगों की भी तबीयत ठीक नहीं है. हालांकि मृतक और उसकी बहन ने कोविड की जांच नहीं करायी थी. इधर ग्रामीणों को आशंका है कि राजू और उसकी बहन की मौत कोरोना के कारण ही हुई है.
मसौढ़ी के एसडीओ अनिल कुमार सिन्हा का कहना था कि युवक राजू की कोरोना से मौत होने की पुष्टि नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि मृतक तीन दिन पहले अपनी बहन के दाह संस्कार से घर लौटा था. अगर व संक्रमित भी होता तो उसकी मौत इतनी जल्दी हो जाने की संभावना नहीं बनती है.
उन्होंने यह भी कहा कि घटना के बाद स्थानीय ग्रामीण कोरोना के भय से सहमे थे इस कारण वे सामने नहीं आ पाये. एसडीओ ने बताया कि इसकी सूचना जैसे ही हुई. तुरंत सीओ व कादिरगंज पुलिस से संपर्क करते हुई ग्रामीणों के बीच व्याप्त भय को लेकर धनरूआ अस्पताल से पीपी किट परिजनों को उपलब्ध कराते हुए शव का अंतिम संस्कार कराया गया. उन्होंने कहा कि सोमवार को मृतक के सभी परिजनों की कोविड जांच भी करायी जायेगी.
Posted by Ashish Jha